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एक तरफ जहां पूरे देश में कोरोना के मामले हर बीतते दिन के साथ नए रिकार्ड बना रहे हैं वहीं कोरोना की चैन को तोड़ने के लिए सरकार अपने स्तर पर हरसंभ कोशिश में जुटी है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी कोरोना के मामलों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिल रही है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) के अस्पतालों को डेडिकेटेड कोविड अस्पताल और वार्ड बनाने का आदेश दिया है।
केंद्र सरकार का ये फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब सरकारी अस्पतालों में कोरोना के बेड की संख्या कम पड़ रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों को अपने नियंत्रण के तहत आने वाले अस्पतालों को निर्देश जारी कर कोविड रोगियों की देखभाल में जुटे अस्पतालों के अंदर भी डेडिकेटेड वार्ड या फिर अलग ब्लॉक बनाने की सलाह दी है। सरकार ने इन अस्पतालों और ब्लॉकों की जानकारी जनता को भी देने का निर्देश दिया है।
मंत्रालय का कहना है कि इन डेडिकेटेड अस्पताल वाडरें या ब्लॉकों को ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर और विशेष क्रिटिकल केयर यूनिट (जहां भी उपलब्ध हो), लैब सेवाएं, इमेजिंग सेवाएं, रसोई, कपड़े धोने सहित सहायक सेवाएं प्रदान करने के लिए तैयार किया जाना है। साथ ही समर्पित डेडिकेटेड हैल्थकेयर फोर्स भी मौजूद रहेगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को लिखे गए पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने दोहराया कि देश भर के कोविड मामलों में अचानक वृद्धि ऐसे सभी केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों और उनके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और अस्पतालों से पिछले वर्ष की तरह सहायक कार्रवाई के लिए है।
जनता के लिए इन अस्पताल वार्ड और ब्लॉक में आवश्यक उपचार के लिए केंद्रीय मंत्रालयों को ये भी सलाह दी गई है कि ऐसे डेडिकेटेड अस्पताल वाडरें और ब्लॉकों का विवरण आम लोगों को दिया जाए, जो राज्यों के संबंधित स्वास्थ्य विभागों के साथ विधिवत समन्वय करते हैं।
(सोर्स-आईएएनएस)