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23 मार्च को एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गई जिसमें हर्बल आई ड्रॉप के महत्त्व पर चर्चा की गई कि कैसे यह ड्रॉप्स आंखों की इतनी सारी समस्याओं को ठीक करने में या इनमें सुधार ला पाने में लाभदायक रही हैं। वहां बासु आई हॉस्पिटल, डॉक्टर महेंद्र सिंह बासु मौजूद थे और साथ में अन्य एक्सपर्ट्स भी वर्चुअल तौर से जुड़े हुए थे जैसे प्रो यामिनी भूषण त्रिपाठी, हेड ऑफ फैकल्टी, फैकल्टी ऑफ आर्युवेद, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी। यह रिसर्च इंटरनेशन जर्नल ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस और रिसर्च में भी पब्लिश की गई। डॉक्टर बासु ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह आई ड्रॉप सही में असरदार हैं और उन्होंने मरीजों में पॉजिटिव रिजल्ट भी दिखाए हैं। इन ड्रॉप्स का प्रयोग लाखों भारतीयों द्वारा किया गया है और यह प्रयोग के लिए बाजार में भी उपलब्ध हैं। इसके प्रभावों को देखने के लिए डॉक्टर द्वारा एक स्टडी भी की गई जिसके नतीजे आपसे साझा कर रहे हैं।
उनकी इस स्टडी में 308 कैटरेक्ट के मरीज शामिल किया गए थे। यह स्टडी 2017 से 19 के बीच की गई थी। इस स्टडी के रिजल्ट काफी पॉजिटिव देखने को मिले थे और इसमें UDVA और UNVA में भी काफी सुधार देखने को मिला था।
मरीजों ने हर्बल आई ड्रॉप को 3 महीनों तक प्रयोग किया और इसके बाद उनके विजन में सुधार देखने को मिला। डॉक्टर का कहना है कि मरीजों की पास की और दूर की नजर में काफी सुधार देखने को मिला है। यह सभी मरीज आई ड्रॉप का प्रयोग करने से पहले चश्मों का प्रयोग करते थे लेकिन 3 महीने बाद इन्हें बिना चश्मे के भी दिखने लगा। यह नतीजे दो ग्रुप के लगभग 91 प्रतिशत लोगों में देखने को मिले। तीसरे ग्रुप में लगभग 47 प्रतिशत मरीजों को ग्लूकोमा में सुधार देखने को मिला। चौथे ग्रुप में 61 प्रतिशत मरीजों को कुछ हद तक दुबारा से उनकी आई साइट मिल गई।
जब आई ड्रॉप के प्रभाव और उसके साइड इफेक्ट्स के बारे में पूछा गया तो डॉक्टर ने कहा कि आई ड्रॉप को क्लिनिकल ट्राइड और टेस्ट किया गया है और इनके किसी तरह को साइड इफेक्ट्स नहीं हैं। इसलिए मरीजों को भी कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।
डॉक्टर का यह भी कहना है कि इन ड्रॉप्स को बिना डॉक्टर से पूछे भी प्रयोग किया जा सकता है और इससे आप को किसी तरह के साइड इफेक्ट्स नहीं देखने को मिलेंगे इसलिए चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। डॉक्टर के मुताबिक, इस ड्रॉप को आंखों की कई समस्याओं से जूझ रहे लोग प्रयोग कर सकते हैं जैसे यह कैटरेक्ट, आई ग्लूकोमा, आंखों में खुजली होना, आंखों की एलर्जी होना, ज्यादा मोबाइल या स्क्रीन टाइम के कारण आंख में दर्द होने लगना जैसी स्थितियों में अच्छे रिजल्ट देने में सहायक है। यह रेगुलर आई और कॉम्प्लिकेटेड आई की समस्याओं में प्रयोग की जा सकती है।
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