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Covid-19 Vaccination & Reinfection: कोरोनावायरस से बचने (Coronavirus Prevention) के लिए वैक्सीनेशन कैंपेन बेहद ही जरूरी हथियार है। हर किसी को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए टीका लगवाना अनिवार्य है। संक्रमण को टीकाकरण के ही जरिए रोका जा सकता है। देश में जब से दूसरी लहर (Corona second wave) में तेजी आई है, लोग वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक हुए हैं। अब युवा पीढ़ी भी आगे आकर टीका (Vaccine) लगवा रही है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस बार की लहर में युवा भी काफी संख्या में संक्रमित हो रहे हैं। शायद इसी वजह से उत्तर प्रदेश में 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के 3,15,532 लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन हमारे शरीर में कोविड-19 के खिलाफ इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है।
गोरखपुर के वरिष्ठ फिजिशियन और डायबिटीज रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक गुप्ता कहते हैं, 'संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण (Covid-19 Vaccination & Reinfection in Hindi) बेहद अनिवार्य है। वैसे टीका लगवाने के बाद शरीर में इम्यूनिटी कब तक बनी रहेगी, यह कह पाना थोड़ा मुश्किल है। कोरोना का टीका पहली बार इस बीमारी में लगाया जा रहा है, लेकिन अब तक कई ऐसे टीके वर्षों से लोगों को लगाए जा रहे हैं। देश में पल्स पोलियों कार्यक्रम हर साल चलता है, क्योंकि एक साल के बाद शरीर में प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है। ऐसे में साल में एक बार बच्चों को पोलियो अवश्य पिलाएं। 10-15 वर्ष तक पिला दिया, तो बच्चा इससे प्रभावित नहीं होगा। वहीं, बीसीजी का टीका एक बार लगाया जाता है, जिसकी जिंदगी भर इम्यूनिटी मिलती रहेगी। टेटनेस के टीके तीन बार लगाए जाते हैं। कोरोना का टीका नया है। इससे कितने समय तक कोरोना के प्रति इम्यूनिटी रहेगी, यह समय आने पर ही पता चलेगा।
अभी लोगों के मन में टीका लगवाने से पहले यह सवाल उठता है कि कौन सा टीका बेहतर है? इस पर डॉ. आलोक गुप्ता कहते हैं कि सभी टीके असरदार हैं। सभी ने 90% से ऊपर अपनी क्षमता बताई है। मॉडर्ना और फाइजर को माइनस जीरो के तापमान में रखना पड़ता है। यह गांवों में स्टोर करना संभव नहीं है। भारतीय टीके को फ्रिज में रखा जा सकता है। कौन सबसे बेहतर टीका है, इस बहस में पड़ने की बजाय, जो भी टीका आसानी से मिल रहा है, उसे लगवाएं।
डॉ. आलोक गुप्ता कहते हैं, एक डोज के बाद कितनी प्रतिरोधक क्षमता शरीर में आएगी? दूसरे डोज के बाद कितनी आएगी? फिलहाल, इस पर बहस चल रही है। पहले कहा गया था कि 28 दिन में दूसरा डोज लगाया जाएगा। उसके बाद कम से कम तीन सप्ताह शरीर में प्रतिरोधक क्षमता पैदा होने का समय लगेगा। तब तक सारी गाइडलाइंस का पालन करना पड़ेगा। अब नए शोध के अनुसार, पहले टीके के बाद दूसरा टीका 9 सप्ताह के बाद लगवाया जा सकता है। तब जाकर पहले टीके का असर बनेगा। हां, बचाव भी रखना पड़ेगा, क्योंकि पूरी 90 प्रतिशत प्रतिरोधक क्षमता नहीं आएगी।
टीकाकरण के तीन महीने बाद भी यदि व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति (Corona infected people) के संपर्क में आता है, तो वह संक्रमित हो सकता है, लेकिन तब तक उसके शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता पैदा हो चुकी होती है। दो डोज लेने के बाद व्यक्ति में संक्रमण से बचने या मारने की क्षमता लगभग 95 फीसदी रहेगी। अगर वह संक्रमित भी होता है, तो हल्के सर्दी जुकाम से ठीक हो जाएगा। उसे ऑक्सीजन और अस्पताल में भर्ती होंने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लेकिन, वैक्सीन लगवाने के बाद भी पूरी गाइडलाइंस का पालन करना जरूर है। टीकाकरण के बाद भी संक्रमण से बचने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का अनुपालन करना बेहद जरूरी है।
स्रोत : (IANS Hindi)