भारत में कोरोना की कोवैक्सीन वैक्सीन की डोज 16 जनवरी से वैक्सीनेशन अभियान के तहत लग रही है। फिलहाल ये वैक्सीन 18 साल की उम्र से ऊपर के फ्रंट लाइन वर्कर्स को ही दी जा रही है। बच्चों को अभी किसी भी स्थिति में वैक्सीन नहीं लग रही है। ऐसे में लोग लंबे समय से ये जानना चाहते हैं कि आखिर बच्चों को कोरोना वैक्सीन की डोज कब से लगेगी? भारत के टॉप ड्रग रेगुलेटर की एक एक्सपर्ट की टीम ने भारत बायोटेक (Bharat Biotech) से बच्चों के लिए कोवैक्सीन (Covaxin For Children) की प्रभावशीलता को बताने की बात कही है। एक्सपर्ट का कहना है कि भारत बायोटेक जल्द से जल्द ये डाटा उपलब्ध कराए कि बच्चों के लिए कोवैक्सीन (Covaxin For Children) कितनी कामयाब हो सकती है।
3 जनवरी को भारत बायोटेक की Covaxin वैक्सीन को एमरजेंसी इस्तेमाल के लिए अप्रूवल मिला था। इस अप्रूवल में यह कहा गया था कि वैक्सीन सिर्फ 18 वर्ष या इससे अधिक की उम्र के लोगों को ही लगाई जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि कंंपनी द्ववारा अभी तक छोटे बच्चों पर वैक्सीन का एक्सपेरिमेंट नहीं किया गया है। इसलिए एक्सपर्ट अभी इस चीज से अनजान हैं कि बच्चों पर वैक्सीन का साइड इफेक्ट हो सकता है या नहीं। सूत्रों के मुताबिक फिलहाल सेंट्रल ड्रग स्टेन्डर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन द्वारा कंपनी से अप्रोच किया गया है कि वो 5-18 साल की उम्र के बच्चों पर कोवैक्सीन वैक्सीन (Covaxin For Children) का क्या असर होगा इस संबंध में डाटा उपलब्ध कराएं। ताकि बच्चों को भी जल्द से जल्द वैक्सीन दी जाए।
बच्चों पर वैक्सीन के असर को चेक करने वाले एक्सपर्ट के निवेदन पर सबजेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने वैक्सीन मेकर भारत बायोटेक को कोवैक्सीन की बच्चों पर क्षमता बताने को कहा है। इसके तहत कंपनी ये बताएगी कि वैक्सीन बच्चों के लिए कितनी सुरक्षित है, वैक्सीन का बच्चों पर साइड इफेक्ट तो नहीं है और कब से बच्चों को वैक्सीन दी जा सकती है आदि। कंपनी के बयान के बाद से ही बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी।
WHO के चीफ साइंटिस्ट डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कुछ दिनों पहले कहा था कि जब भी कोई भी इंजेक्शन या नई दवा बनती है तो वो क्लिनिकल ट्रायल के बाद ही मार्किट में आता है। यानि कि जब तक साइंटिस्ट और डॉक्टर उस वैक्सीन या दवा को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट न हो जाए तब तक उसे लॉन्च नहीं किया जाता है। कोरोना वैक्सीन के संबंध में भी यही हुआ है। तमाम तरह के ट्रायल के बाद ही कोरोना वैक्सीन को लॉन्च किया गया है। लेकिन डॉक्टर सौम्या का कहना है कि कोरोना के टीके की टेस्टिंग 18 साल की उम्र या इससे अधिक के लोगों में हुई है। इसलिए इस ग्रुप के लोगों के लिए वैक्सीन सुरक्षित है। हालांकि यह 16 साल से छोटे बच्चों के लिए भी सुरक्षित है, लेकिन इसका कोई ट्रायल नहीं हुआ है इसलिए साइड इफेक्ट होने की गुंजाइश है। ऐसे में बिना ट्रायल किए छोटे बच्चों को वैक्सीन नहीं दी जा सकती है।
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