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केरल में धीरे-धीरे पांव पसार रहे बांग्लादेशी निपाह वेरिएंट से मौतें ज्यादा! बचाव कार्य तेज

केरल में धीरे-धीरे पांव पसार रहे बांग्लादेशी निपाह वेरिएंट से मौतें ज्यादा! बचाव कार्य तेज

सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश का निपाह वेरिएंट केरल में पाया गया है। जो काफी घातक है। आइए जानते हैं उससे जुड़ी पूरी खबर।

Written by Atul Modi |Published : September 13, 2023 6:34 PM IST

केरल में पाया गया बांग्लादेश का निपाह वेरिएंट की मृत्यु दर काफी ज्यादा है। पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की एक टीम केरल में आज कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में एक मोबाइल लेबोरेटरी सेट करने जा रही है। यह मोबाइल लैब निपाह वायरस की टेस्टिंग का काम करेगी और चमगादड़ों में सर्वे करेगी, बुधवार को असेंबली सेशन के दौरान राज्य सरकार ने इस मोबाइल लैब को सेटअप करने का निर्णय, कोझिकोड जिले में चार वायरस के पॉजिटिव केस को देखने के बाद लिया गया।

राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज, असेंबली में इंक्वायरी का जवाब देते हुए कहा है कि, केरल में जिस वायरस के वेरिएंट को पाया गया है, वह बांग्लादेश से आया है। यह वायरस मानव से मानव में फैल रहा है और इसका मृत्युदर भी काफी है, हालांकि इसका प्रसार धीमा है।

पुणे की NIV टीम के साथ-साथ चेन्नई से एपिडेमियोलॉजिस्ट की एक टीम भी केरल में इस सर्वे को करने के लिए पहुंच रही है।

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इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रदान करने को मंजूरी दी है जो निपाह के मरीजों का इलाज करवाने में मददगार होगा।

सीपीआई विधायक पी. बालनचंद्र की चिंताओं पर बोलते हुए स्वास्थ्य मंत्री कहती हैं कि वायरस को फैलने से बचाने के लिए कई प्रावधान किये गए हैं। इनमें निगरानी रखना, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, लोगों को हाई और लो कैटेगरी के रिस्क में शामिल करना, आइसोलेशन फैसिलिटी की स्थापना करना, कंटेनमेंट जोन और दवाइयां उपलब्ध करवाना आदि व्यवस्थाएं राज्य सरकार कर रही है।

कोझिकोड में 7 ग्रामीण पंचायत,  अतांचेरी, मारुठोंकरा, तिरुवल्लूर, कुट्टियाडी, कायाकोड़ी, विल्यपल्ली, कविलुंपरा को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है।

राज्य में निपाह वायरस के पॉजिटिव केस मिलने के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लोगों को पैनिक न होने की अपील की है और साथ ही लोगों से राज्य सरकार द्वारा बनाए गए कायदे कानूनों का पालन करने के लिए भी आग्रह किया है।

मुख्यमंत्री ने इस समय नियमों का पालन करना और जिन चीजों पर पाबंदी लगाई है उन को मानना इस समय काफी जरूरी बताया है।

30 अगस्त को जो पहली मृत्यु हुई थी इसमें मरीज को इस वायरस के पॉजिटिव होने के साथ साथ एक और बीमारी थी और वह थी लीवर सिरोसिस। हालांकि उसके बाद उसके 24 साल के एक रिश्तेदार और 9 साल के एक लड़के को इस  वायरस से संक्रमण होना जैसी स्थिति ने चिंता का माहौल बना दिया है।

9 साल का लड़का इस समय काफी ज्यादा केयर में है। इसी प्रकार के और ज्यादा केस न फैल सके इसके लिए ही राज्य सरकार ने काफी सारे बचाव के उपाय किए हैं जिनका पालन हर नागरिक को करना चाहिए, ताकि अपनी और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखा जा सके।

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