Don’t Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
AstraZeneca COVID-19 Vaccine: कोरोना वायरस वैक्सीन के सबसे बड़े दावेदारों में से एक एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) से जुड़े विवाद पर नयी ख़बर सामने आयी है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) के साथ मिलकर कोरोना वैक्सीन बना रही कम्पनी ने कहा कि, वैक्सीन को तैयार करते समय कुछ ग़लतियां हुई हैं जिसकी वजह से वैक्सीन के प्रभाव से जुड़े परिणाण प्रभावित हुए हैं। (AstraZeneca COVID-19 Vaccine Update)
गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग में कोरोना वायरस की वैक्सीन तैयार कर रही है। कुछ समय पहले ही इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल्स के 2 अलग-अलग परिणाम सामने आए जिसके बाद एक्सपर्ट्स ने इस वैक्सीन पर उंगलियां उठानी शुरू कर दीं।
दरअसल, कुछ समय पहले ही ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्रेजेनेका ने अपनी कोरोना वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल्स के परिणामों को सार्वजनिक किया। लेकिन, ज़ारी रिपोर्ट्स में वैक्सीन के प्रभावकारी होने से जुड़ी अलग-अलग जानकारियां दी गयीं। इन ट्रायल्स के परिणामों में कहा गया कि, वैक्सीन के प्रारंभिक 3 ट्रायल्स में परिणाम अलग-अलग रहे। लेकिन, कुल मिलाकर वैक्सीन तकरीबन 70 प्रतिशत तक प्रभावी रही है। जबकि, यह भी अनुमान लगाया गया कि वैक्सीन 90 फीसदी से अधिक प्रभावी हो सकती है।
बता दें, कि एस्ट्रेजेनेका और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की कोरोना वैक्सीन से विश्व भर के लोगों और एक्सपर्ट्स को काफी उम्मीदें है और ऐसा माना जा रहा है कि यह वैक्सीन जल्द ही लोगों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध हो सकेगी। 23 नवंबर को कुछ डेटा सार्वजनिक किया गया, जिसमें वैक्सीन को 70 प्रतिशत असरदार बताया गया। लेकिन, इस वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल्स कई देशों में चल रहे हैं और इन आंकड़ों को ज़ारी करते हुए सभी ट्रायल्स के परिणामों को इसमें शामिल नहीं किया गया था। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में बेहतर परिणामों के लिए दवाई की मात्रा कम रखी गयी थी।
हालांकि, अब कम्पनी ने एक आधिकारिक बयान दिया है जिसमें उसने कहा है कि जिन मरीज़ों को दवाई की ज़्यादा खुराक दी गयी थी, वहां वैक्सीन कम प्रभावी पायी गयी। जबकि, जिन वॉलिंटियर्स को कम मात्रा में डोज़ दिया गया उनपर इसे 90 प्रतिशत तक असरदार पाया गया।