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खुद से करें सवाल, तो सेहत को मिलेंगे कई लाभ

खुद से करें सवाल, तो सेहत को मिलेंगे कई लाभ
Meditation is an effective stress-management tool.

अपने आप को जानना भी एक तरह का योग है, जो जीवन से अवसाद को मिटाता है।

Written by Yogita Yadav |Published : October 4, 2018 8:33 AM IST

सेल्फ इन्क्वायरी अर्थात आत्म विचार। खुद को जानने की प्रक्रिया। आप सबसे नाराज हैं, सबसे शिकायतें हैं। हर जगह आपको कम आंका जा रहा है और अपेक्षाएं अधिक की जा रहीं हैं। पर क्‍या यही सच भी है या केवल आपका नजरिया। दार्शनिक कहते हैं खुश रहने के दो तरीके हैं। पहला सब हमारे मु‍ताबिक हो जाएं और दूसरा हम औरों के मुताबिक हो जाएं। आत्‍म चिंतन ध्‍यान में खुद से ही पूछें इन दोनों में से कौन सा रास्‍ता है ठीक।

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आत्म मनन ध्यान करने की विधि

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  • सबसे पहले एक आसन पर आराम पूर्वक बैठ जाए, साथ ही पूरे ध्यान के दौरान तनावहीन और निश्छल होकर बैठे रहे।
  • इसके बाद अपने कंधो के चारो ओर एक ऊनि वस्त्र डाल सकते है।
  • हाथ चिन मुद्रा (ज्ञान मुद्रा) में घुटनों और जांघो पर रहे।

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  • अब आंखे बंद कर ले।
  • साथ ही चेहरे कि मांसपेशियों, विशेषकर आँख ,पलकों और मस्तक को तनावहीन रखे।
  • जैसे ही आप सचेत रहते हुए कोहनियों, पेट, निचले जबड़े और मस्तक को तनाव मुक्त करते हैं, शरीर को गहनता प्राप्त होती है।
  • जब ये “मुख्य बिंदु” तनावमुक्त हो जाते हैं, तब बैठने की पूरी स्थिति तनावहीन हो जाती है।
  • इस स्थिति में करीब 5 मिनट तक रहें| इस दौरान अपने विचारों और भावनाओं को शान्त रखे।
  • ॐ का उच्चारण करें और संबद्ध व्यायाम स्तर के मुताबिक ध्यान व्यायाम का अभ्यास करें।

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ध्यान-व्यायाम समाप्त करने हेतु

  • ॐ उच्चारण करते हुए हथेलियों को जोर से रगड़ें और उनको चेहरे पर रखें और चेहरे की मांसपेशियों को गर्म करें।
  • तब तक धड़ को आगे झुकाएं जब तक कि मस्तक फर्श को स्पर्श न कर ले। आराम के साथ हाथों को सिर के समीप फर्श पर रखें ।
  • अब चेहरे की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को महसूस करें।
  • थोड़ी देर के लिए इसी स्थिति में बने रहें।
  • इस प्रकार लगातार बैठे रहने से आपका प्रयास सफल होता है और सिर में अच्छी तरह से रक्त की पूर्ति होती है।
  • अब धीरे से बिल्कुल सीधे हो जाएं और आँखे खोल लें।
  • ध्यान पूरा हुआ। इसे प्रारम्भ में 10 से 20 मिनट, बाद में 30-60 मिनट करे, साथ ही ध्यान में आपकी सांसे सामान्य ही रहनी चाहिए।