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लखनऊ के जानकीपुरम से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जिसमें फ्रैक्चर की सर्जरी के बाद व्यक्ति की मौत हो गई। दरअसल 50 वर्षीय शीतला प्रसाद के दाहिने हाथ की हड्डी में फ्रैक्चर आ गया था, जिसके ऑपरेशन के बाद उसकी मृत्यु हो गई। जानकारी के मुताबिक शीतला प्रसाद के बेटे बृजेश प्रसाद ने कहा कि रविवार शाम उनके पिता का एक्सीडेंट हो गया और उनके दाहिने हाथ में चोट आ गई थी। आगे उन्होंने बताया कि अस्पताल जाने से पहले वे पूरी तरह से फिट दिख रहे थे और एक्स रे के बाद ही उन्हें पता चला कि फ्रैक्चर आया हुआ है। इसके बाद शीतला प्रसाद को अस्पताल में भर्ती कर दिया रविवार रात को उनकी सर्जरी हुई, जिसके बाद परिवार वालों को सूचित कर दिया कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखा है। कुछ घंटों बाद बताया कि उनकी मौत हो गई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार सर्जरी के बाद शरीर में कुछ बदलाव होते हैं, इसलिए सर्जरी से पहले और बाद में अपना विशेष ध्यान रखना जरूरी होता है।
सर्जरी से पहले हर व्यक्ति के मन में अनेक प्रकार के प्रश्न होते हैं और सर्जरी के प्रति उसका भय होना एक आम आदमी के लिए सामान्य सामान्य होता है। हालांकि, सर्जरी कराने के लिए जाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है। सबसे पहले आप जो भी दवाएं या अन्य सप्लीमेंट ले रहे हैं, उनके बारे में डॉक्टर को बता दें। यदि आपको कोई अन्य बीमारी या एलर्जी आदि है, तो इस बारे में भी डॉक्टर को बता दें। सर्जरी से पहले आप कु खा या पी सकते हैं या नहीं इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर लें। क्योंकि, ज्यादातर सर्जिकल प्रोसीजर खाली पेट ही की जाती हैं।
जिस प्रकार सर्जरी से पहले विशेष बातों का ध्यान रखना होता है, उसी प्रकार सर्जरी के बाद की देखभाल भी बेहद जरूरी होती है। clevelandclinic से मिली जानकारी के अनुसार बोन फ्रैक्चर में हुई सर्जरी को पूरी तरह से ठीक होने में लगभग छह से आठ हफ्तों का समय लगता है। इस दौरान आप क्या और कितनी मात्रा में खा सकते हैं आदि के बारे में डॉक्टर से अवश्य पूछ लें। वहीं सर्जरी के घाव की देखभाल करना बेहद जरूरी होता है, क्योकि सर्जिकल वाउंड की ठीक से केयर न करने पर उसमें इंफेक्शन हो सकता है। यदि सर्जरी के बाद घाव में फिर से लालिमा व सूजन बढ़ने लगी है या फिर आपके घाव का दर्द भी अत्यधिक बढ़ रहा है, तो डॉक्टर से इस बारे में संपर्क करें।
बोन फ्रैक्चर सर्जरी के बाद किसी प्रकार की जटिलता होना आमतौर पर फ्रैक्चर की गंभीरता और की गई सर्जरी के प्रकार पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए यदि फ्रैक्चर गंभीर है और उसे ठीक करने के लिए ओपन सर्जरी की गई है, तो उससे कई दिनों तक दर्द की समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही कई बार गंभीर रूप से टूटी हुई हड्डी सामान्य रूप से जुड़ नहीं पाती है और प्रभावित अंग में की आकृति सामान्य नहीं रह पाती है।
हड्डियां कमजोर पड़ना बोन फ्रैक्चर होने के सबसे मुख्य जोखिम कारकों में से एक है। दरअसल अच्छी डाइट न होने के कारण हड्डियों को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम, विटामिन डी और अन्य आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, जिससे हड्डियां कमजोर पड़ने लगती है। इसलिए नियमित रूप से अच्छे पोषण वाली डाइट लेनी चाहिए और साथ ही समय-समय पर बोन स्कैन आदि करवाते रहना चाहिए, ताकि हड्डियों की सघनता का अंदाजा लगाया जा सके।