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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि सरकार को पूरा भरोसा है कि शिशु (जन्म के 28 दिनों तक) मृत्यु दर निर्धारित लक्षित वर्ष 2030 से पहले ही दहाई से इकाई में आ जाएगी। वर्तमान में शिशु मृत्य दर 1000 पर 29 है। इसके लिए प्रसव से पहले और उसके बाद सस्ती लागत वाले कदम उठाए जाने की जरूरत है। यहां इंडियन न्यूबोर्न एक्शन प्लान (आईएनएपी) का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने कहा, 'दुनिया भर में 28 लाख शिशुओं की जन्म के दौरान मौत हो जाती है। इनमें से 700,00 मौतें भारत में होती हैं। इन मौतों को रोका जा सकता है। अब हमारे पास इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक एक्शन प्लान है। मैं लंबे समय की अवधि वाले लक्ष्यों में विश्वास नहीं रखता। हमें अपने लक्ष्य छोटी अवधि में ही पूरे करने चाहिए।'
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आईएनएपी को प्रजननीय, मातृत्व, शिशु स्वास्थ्य और किशोरावस्था से आगे (आरएमएनसीएचए) फ्रेमवर्क के तहत लागू किया जाएगा। नवजात के जन्म के दौरान और शिशुओं के स्वास्थ्य को लेकर छह प्रभावी रणनीति बनाई जाएगी। इनमें प्रसवपूर्व देखभाल, प्रसव और बच्चे के जन्म के दौरान देखभाल, जन्म के तत्काल बाद नवजात शिशु की देखभाल, स्वस्थ नवजात शिशुओं की देखभाल, छोटे और बीमार नवजात शिशुओं की देखभाल और बच्चे के बचने के बाद की देखभाल। आईएनएपी के छठे स्तंभ (बच्चे के बचने व स्वस्थ हो जाने के बाद की देखभाल) के तहत भारत ने ऐसे बच्चों के जीवनस्तर की गुणवत्ता में सुधार लाने की दिशा में कई बड़े कदम उठाए हैं जो कि किसी जन्म दोष, मस्तिष्क संबंधी समस्या और अशक्तता के साथ पैदा हुए हैं। इस प्लान को कारगर और प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक सुस्पष्ट रणनीति बनाई गई है।
पोलियो के खिलाफ लड़ाई में सभी भागीदारों का भी डॉ. हर्षवर्धन ने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नवजातों की मृत्य दर में कमी लाने के मकसद में आशा वर्करों की भूमिका भी अहम होगी। सिस्टम की खामियों को पहचानना होगा और उन्हें दूर करना होगा। भारतीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में बहुमूल्य समर्थन के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने बिल गेट्स और मेलिंडा गेट्स की सराहना की। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन देश के ग्रामीण इलाकों में बेहद अच्छा काम कर रही है। इस मौक पर बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के प्रमुख बिल गेट्स ने पोलियो के खिलाफ अभियान को लेकर स्वास्थ्य मंत्री की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत के पोलियो के खिलाफ अभियान से ये सीख मिलती है कि इस तरह की जंग अन्य बीमारियों के खिलाफ भी छेड़ी जा सकती है।
इस मौके पर फाउंडेशन की को-चेयरमैन मेलिंडा गेट्स ने कहा कि आईएनएपी शुरू करके भारत ने इस दिशा में अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है।
स्रोत: IANS Hindi
चित्र स्रोत: Getty images
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