गाम्बिया में भारतीय मैडन फार्मास्यूटिकल्स कंपनी की बनी कफ सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत हो गई है। इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (World health organization) ने इस घटना को हाथों-हाथ लेते हुई जांच बिठाई है और इस बात की पड़ताल कर रही है कि आखिरकार दवा में ऐसा क्या था कि इतने बच्चों की मौत हो गई। साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गाम्बिया में चार दूषित दवाओं के इस्तेमाल को लेकर एक अलर्ट जारी भी किया है। जिसमें उन्होंने प्रोमेथाज़िन ओरल सॉल्यूशन (Promethazine Oral Solution), कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप (Kofexmalin Baby Cough Syrup), मकॉफ़ बेबी कफ सिरप (Makoff Baby Cough Syrup) और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप (Magrip N Cold Syrup), नामक 4 कफ सिरप को लेने से मना किया है।
"WHO has today issued a medical product alert for four contaminated medicines identified in #Gambia that have been potentially linked with acute kidney injuries and 66 deaths among children. The loss of these young lives is beyond heartbreaking for their families"-@DrTedros
— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 5, 2022
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस घेब्रेयेसस ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, "डब्ल्यूएचओ ने आज गाम्बिया में पहचानी गई चार दूषित दवाओं के लिए एक मेडिकल अलर्ट जारी किया है। जिसमें कि बताया गया है कि इन दवाओं के कारण किडनी से जुड़ी समस्याएं हुई जिससे इन 66 मौत हुई है। ये चार दवाएं भारत में मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा निर्मित खांसी और ठंडे सिरप हैं। ये चार दवाएं घटिया क्वालिटी की थी, जिससे पॉइजनिंग के कारण बच्चों की मौत हुई है।
"The four medicines are cough and cold syrups produced by Maiden Pharmaceuticals Limited, in India. WHO is conducting further investigation with the company and regulatory authorities in India"-@DrTedroshttps://t.co/PceTWc836t
— World Health Organization (WHO) (@WHO) October 5, 2022
डब्ल्यूएचओ अपनी ओर से कफ सिरप की जांच कर रही है लेकिन भारत में इस पर अभी कोई भी एक्शन नहीं लिया गया है। डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि चार उत्पादों में से प्रत्येक के नमूनों का प्रयोगशाला विश्लेषण इस बात की पुष्टि करता है कि उनमें डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल दूषित है और ये घटिया क्वालिटी की दवा है।
बता दें कि ये चारों दवाएंहरियाणा स्थित मेडेन फार्मास्यूटिकल्स ( Maiden Pharmaceuticals Limited) द्वारा बनाए गए हैं। रॉयटर्स ने बताया है कि मेडेन फार्मा ने अलर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जबकि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को कॉल और संदेश दे दिया गया है। समाचार एजेंसी ने यह भी कहा कि गाम्बिया और भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा कि इन चार उत्पादों को गाम्बिया में पहचान की है, लेकिन हो सकता है कि अनौपचारिक बाजारों के माध्यम से अन्य देशों या क्षेत्रों में भी यह वितरित किया गया हो। WHO ने साफ लहजे में कहा है कि डायथाइलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल का सेवन करना घातक साबित हो सकता है। साथ ही डब्ल्यूएचओ ने नियामक अधिकारियों और जनता को सलाह भी दी कि लोगों को नुकसान से बचाने के लिए इन घटिया उत्पादों का पता लगाना और उन्हें प्रचलन से हटाना जरूरी है। अब देखना यह होगा कि भारत इस पर क्या एक्शन लेता है।
Follow us on