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भारत में 36% हाइपरटेंशन के मरीज बनते हैं किडनी प्रॉब्लम के शिकार, ज्यादातर बुजुर्ग हैं शामिल

भारत में 36% हाइपरटेंशन के मरीज बनते हैं किडनी प्रॉब्लम के शिकार, ज्यादातर बुजुर्ग हैं शामिल
भारत में 36% हाइपरटेंशन के मरीज बनते हैं किडनी प्रॉब्लम के शिकार, ज्यादातर बुजुर्ग हैं शामिल

क्योंकि आजकल ज्यादातर लोगों को हाइपरटेंशन की समस्या है इसलिए हो सकता है कि कुछ लोगों को यह आम स्वास्थ्य रोग लगता हो। लेकिन ऐसा सोचने वालों को बता दें कि हाइपरटेंशन एक बहत ही गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे यदि समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया कि 61 से 85 वर्ष की आयु के 26% उच्च रक्तचाप वाले मरीजों और 85 वर्ष से अधिक आयु के 36% लोगों में क्रिएटिनिन की अनियमितता देखी गई है। देश की विश्वसनीय डायग्नोस्टिक्स श्रृंखला में से एक एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स का कहना है कि अन्य लोगों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर के मरीज किडनी संबंधी समस्या का शिकार जल्दी होते हैं।

Written by Rashmi Upadhyay |Published : September 15, 2020 9:46 AM IST

क्योंकि आजकल ज्यादातर लोगों को हाइपरटेंशन की समस्या है इसलिए हो सकता है कि कुछ लोगों को यह आम स्वास्थ्य रोग लगता हो। लेकिन ऐसा सोचने वालों को बता दें कि हाइपरटेंशन एक बहत ही गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसे यदि समय रहते कंट्रोल न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकती है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया कि 61 से 85 वर्ष की आयु के 26% उच्च रक्तचाप वाले मरीजों और 85 वर्ष से अधिक आयु के 36% लोगों में क्रिएटिनिन की अनियमितता देखी गई है। देश की विश्वसनीय डायग्नोस्टिक्स श्रृंखला में से एक एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स का कहना है कि अन्य लोगों की तुलना में हाई ब्लड प्रेशर के मरीज किडनी संबंधी समस्या का शिकार जल्दी होते हैं।

विश्लेषण में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में उच्च क्रिएटिनिन का स्तर भी बताया गया है जबकि एक जोन-वार विश्लेषण से पता चला है कि पूर्वी क्षेत्र में उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों में क्रिएटिनिन के सबसे असामान्य मूल्यों (16%) का प्रदर्शन किया। डेटा को एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स द्वारा 29 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों में अपने केंद्रों से 2017-2019 के दौरान तीन वर्षों में एकत्र किया गया था।

एक वेबसाइट के अनुसार, डॉ अनुराग बंसल, तकनीकी प्रमुख एन एंड ई और निदेशक - लैब ऑपरेशन, एसआरएल डायग्नॉस्टिक्स का कहना है कि खराब लाइफस्टाइल और बढ़ते तनाव के चलते आजकल ज्यादातर लोग हाई ब्लड प्रेशर की चपेट में आ रहे हैं इसलिए जरूरी है कि लोगों को इसकी शुरुआती पहचान के तरीकों के बारे में शिक्षित किया जाए। ताकि समय रहते इसकी रोकथाम और इलाज पर काम किया जाए। साथ ही डॉक्टर कहते हैं हाई ब्लड प्रेशर तो किडनी समस्याओं का कारण बनता ही है साथ ही क्रोनिक किडनी रोग के कारण भी उच्च रक्तचाप हो सकता है, जिसे सेकेंडरी हाइपरटेंशन कहते हैं।

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हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के तरीके

1. रोज लहसुन खाएं। इसमें एलीसीन होता है, जो शरीर में नाइट्रिक ऑक्‍साइड के उत्पादन को बढ़ा देता है। इससे धमनियों और नसों पर पड़ने वाले दबाव कम हो जाता है।

2. कम से कम तनाव लें। स्ट्रेस या तनाव के कारण आपका हृदय तेज़ी से धड़कता है और ब्लड वेसल्स का संकुचन बढ़ जाता है। इसीलिए, तनाव को कंट्रोल करें।

3. तिल के तेल में पाए जाने वाले सेसामिन और सेसामिनाल तत्व ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। इसका एंटी-इनफ्लेमेटरी गुण ब्लड प्रेशर को कम करता है।

4. नमक का बहुत अधिक मात्रा में सेवन भी हाइपरटेंशन की एक वजह है। इसीलिए, कम मात्रा में नमक का सेवन करें।

5. समय पर सोएं और भरपूर नींद लें। इससे शरीर को आराम मिलेगा और तनाव भी कम होगा।