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देश के इन 10 राज्यों में मिला ओमिक्रॉन का नया सब-वेरिएंट BA.2.75, WHO ने कहा-सर्तक रहें

Omicron subvariant BA.2.75: कोरोना वायरस के केस जिस तरह से बढ़ रहे हैं उसके पीछे अब ओमिक्रॉन का नया सब-वेरिएंट BA.2.75 की बात कही जा रही है।

Written by Pallavi Kumari |Updated : July 7, 2022 12:30 PM IST

कोरोना वारस अब तक कई रूप बदल चुका है। जहां बात ओमिक्रॉन वेरिएंट्स की हो रही थी वहीं अब भारत के 10 राज्यों और दुनिया भर के 10 देशों में इसका एक नया सब-वेरिएंट मिला है। दरअसल, कुछ विशेषज्ञों का मानना है और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने संकेत दिया कि ओमिक्रॉन का नया सब-वेरिएंट BA.2.75 की खोज ने चिकित्सा समुदाय में चिंता बढ़ा दी है। सौम्या स्वामीनाथन ने बताया है कि अब तक 10 राज्यों ने BA.2.75 की सूचना दी है। इन राज्यों में दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य भी शामिल हैं।

पिछले दो हफ्ते में ग्लोबल स्तर पर कोरोना मामलों में 30% की बढ़ोतरी: WHO

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपने प्रेस ब्रीफ में बताया कि कैसे पिछले दो हफ्ते में ग्लोबल स्तर पर कोरोना मामलों में 30% की बढ़ोतरी देखी गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस एदनम गेब्रेयेसस ने कहा है कि WHO के छह उप-क्षेत्रों में से 4 में लगातार कोरोना के मामले देखे जा रहें हैं। वहीं, यूरोप और अमेरिका में BA.4 और BA.5 के मामले सामने आए हैं। प्रेस ब्रीफ में बताया गया है कि भारत जैसे देशों में भी BA.2.75 के मामले मिल रहे हैं और भले ही ये गंभीर स्थिति ना हो लेकिन सर्तक रहने की बहुत जरुरत है।

अब तक के सभी वेरिएंट्स से अलग है BA.2.75?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की प्रेस ब्रीफ में बताया गया है कि 2.75 वेरिएंट को भारत में केंद् सरकार ने पहले से ही चिंताजनक वेरिएंट घोषित कर चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने संकेत दिया कि यह पिछले वेरिएंट से अलग दिखता है, लेकिन यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि क्या इससे गंभीर संक्रमण हो सकता है या नहीं।

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BA.2.75 क्या है?

BA.2.75 ओमिक्रॉन का नया सब-वेरिएंट जो कि पूराने म्यूटेशन और बदलाव आने के कारण हुआ है। ये ओमिक्रॉन के बाकी सबवेरिएंट्स में स्पाइक प्रोटीन के रिसेप्टर बाइंडिंग पर कुछ उत्परिवर्तन के कारण हुआ है। यानी कि यह वायरस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो खुद को मानव रिसेप्टर से जोड़ता है।

क्या इससे गंभीर संक्रमण हो सकता है?

यह कहना अभी भी जल्दबाजी होगी कि क्या ये उतना ही संक्रामक है या नहीं। लेकिन सर्तक रहने की जरुरत है। तो, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि हर स्थिति पर बारीकी से नजर रखें। बता दें कि भारत में केंद्र सरकार की नजर हर समय इस वेरिएंट पर है। सूत्रों ने एएनआई को बताया है कि, अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं मिला है कि हम कह सकें कि ये गंभीर वेरिएंट है लोगों को इससे परेशान होने की जरुरत है। बस कोविड नियमों का अच्छे से पालन करें और सतर्क रहें।

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