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ग्लोबोकैन 2018 के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। भारत में महिलाओं में कैंसर से संबंधित मौत में ब्रेस्ट कैंसर एक आम कारण है। मृत्यु दर बीमारी, स्क्रीनिंग कार्यक्रमों की उपलब्धता और उचित उपचार से प्रभावित होती है। स्तन कैंसर की कम घटनाओं के बावजूद, स्तन कैंसर की मृत्यु दर कई कम आय वाले देशों में अधिक है, जिसका कारण है निदान के बाद के चरण, ठीक-ठाक उपचार की उप्लब्धता और निदान में कमी। मैक्स हॉस्पिटल (वैशाली) की डायरेक्टर, मेडिकल ऑनकोलॉजी डॉ. मीनू वालिया बता रही हैं ब्रेस्ट कैंसर के विभिन्न ट्रीटमेंट के बारे में..
एडवांस ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी स्थिति है जहां मौजूदा दवाएं रोगियों के जीवन में कोई सुधार नहीं करती हैं। इस प्रकार, दवाओं की एक बड़ी रिसर्च ने पिछले कुछ वर्षों में इस बड़े क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है और नए उपचारों को महत्व दिया है। जानें, कुछ नए उपचारों के बारे में, जो एडवांस और मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए कारगर है।
टार्गेटेड थेरेपी कैंसर के विशिष्ट जीन, प्रोटीन या टिशू वातावरण को लक्षित करती है, जो कैंसर के विकास और सरवाइवल में मुख्य भूमिका निभाते हैं। जब ब्रेस्ट कैंसर की बात आती है, तो कुछ उपप्रकारों में ह्युमन एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर 2 (एचईआर 2) नामक प्रोटीन अत्यधिक मात्रा में होता है। यह प्रोटीन ट्यूमर कोशिकाओं को विकसित करता है।
कैंसर कोशिकाएं प्रोटीन और ऐसी कोशिकाओं का उत्पादन करती हैं, जो इम्यून सिस्टम को बिगाड़ती हैं। इन कोशिकाओं को ट्यूमर-विशिष्ट या ट्यूमर से जुड़े प्रतिजनों के खिलाफ लड़ने के लिए टीके लगाए जाते हैं। इस तरह इम्यून सिस्टम इन प्रतिजनों को प्रभावित करने वाली कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने में सक्षम हो पाता है।
एडॉप्टिव सेल थेरपी में एक मरीज की खुद की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को लेकर पहले उनमें बदलाव किए जाते हैं फिर उन्हें रोगी के शरीर में पुना: स्थापित कर दिया जाता है, जहां वे कैंसर कोशिकाओं की तलाश कर उन्हें खत्म कर सकती हैं। सीएआर टी सेल थेरेपी में, टी कोशिकाओं में बदलाव किए जाते हैं और उनमें काइमरिक एंटीजन रिसेप्टर्स (सीएआर) जोड़ दिए जाते हैं, जो एंटी-कैंसर की बेहतर गतिविधि को सक्षम करते हैं।
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इम्यूनोमॉड्यूलेटर इम्यून सिस्टम के "ब्रेक" और "गैस पैडल" में हेरफेर करते हैं। इम्यून सिस्टम को चेकप्वॉइंट्स से संरक्षित किया जाता है ताकी वह स्वयं को संभाल सके। चेकप्वॉइंट अवरोधक इम्यून सिस्टम में बदलाव करते हैं ताकी वो कैंसर कोशिकाओं के खिलाफ लड़ सकें।
एडिनोवायरस, हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस, माराबा वायरस आदि जैसे वायरस मानव में विभिन्न बीमारियों का कारण बनते हैं। इन वायरस को संशोधित किया जा सकता है और ट्यूमर कोशिकाओं को संक्रमित और खत्म करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यह पूरे शरीर में मुख्य ट्यूमर और संभावित अन्य ट्यूमर को खत्म करने के लिए इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं की सहायता ले सकता है।
अभी भी ये मूल उपचार हैं। रिसेप्टर की स्थिति के आधार पर, एडवांस और मेटास्टैटिक स्तन कैंसर के लिए उपचार एक रोगी से दूसरे रोगी में भिन्न होते हैं। स्तन कैंसर के लिए जब पारंपरिक उपचार सफल नहीं हो पाते हैं, तो उपचार के वैकल्पिक तरीके जीवन को बेहतर करने में मददगार हो सकते हैं। खासकर, जब यह कीमोथेरेपी के साथ किया जाए। ये थेरेपी स्तन कैंसर के मरीजों के लिए एक नई आशा है !