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आपने घर में कभी न कभी किसी बीमारी में घरेलू नुस्खों या फिर यूं कहें कि वैकल्पिक चिकित्सा का प्रयोग जरूर किया होगा। हम सभी ने बुखार, खांसी जैसी आम समस्या में घरेलू नुस्खों किया है और ये काम भी करते हैं लेकिन ये जरूरी नहीं है कि ये 100 फीसदी काम करें। कई शोध बताते हैं कि 30 फीसदी कैंसर के मरीज भी घरेलू नुस्खे आजमाते हैं लेकिन इनका कोई फायदा नहीं होता है। ये सिर्फ और सिर्फ पैसा खराब करने का एक जरिया है और तो और कुछ स्थितियों में ये नुस्खे आपकी सेहत के लिए खतरनाक भी साबि हो सकते हैं। आइए जानते हैं कौन से हैं ये नुस्खे।
कई लैब स्टडी में ये सामने आया है कि कैंसर कोशिकाएं कम-एसिड, या अल्कालाइन या फिर इस तरह के पर्यावरण में जीवित नहीं रह सकती हैं। इसलिए कहा जाता है कि कुछ खाद्य पदार्थ को खाने और कुछ से दूरी बनाकर शरीर के एसिड लेवल को कम किया जा सकता है और कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोका जा सकता है। लेकिन आप जो खाते हैं, वह आपके रक्त को अम्लीय बनाता है, लेकिन ये कैंसर कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करता है। इस बात को जान लें कि आपका शरीर उस संतुलन को नियंत्रित करता है।
ऐसा माना जाता है कि भांग पौधों से बना गांजा या फिर गांजे का तेल कैंसर के ट्यूमर को मार सकता है या उसे सिकोड़ सकता है। हालांकि विज्ञान इसका समर्थन नहीं करता है। हां भांग कुछ कैंसर उपचारों के दुष्प्रभावों को कम कर सकता है, जैसे मतली और भूख में कमी। लेकिन इसके सेवन से पहले अपने डॉक्टर से बात करें। दरअसल भांग में कुछ यौगिकों होते हैं, जो कैंसर की कुछ दवाओं की तरह काम करते हैं। ये याददाश्त और ध्यान भटकाने जैसे दुष्प्रभाव भी पैदा करते हैं।
यह एक प्रकार का नमक है जिसे वैकल्पिक कैंसर उपचार के रूप में बेचा जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह कैंसर कोशिकाओं को फैलने से रोकता है। शोधकर्ताओं ने हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं पाया है। वहीं कुछ अध्ययन बताते हैं कि सीजियम क्लोराइड कैंसर से पीड़ित लोगों की मदद नहीं करता है और इसके साइड इफेक्ट्स में दस्त, मतली और अनियमित दिल की धड़कन शामिल हो सकती है। कुछ मामलों में ये हृदय की समस्याओं को जन्म दे सकता है।
किसी भी हर्बल उत्पाद को कैंसर का इलाज या रोकथाम करने के लिए प्रमाणित नहीं किया गया है लेकिन ये कीमोथेरेपी और लेजर चिकित्सा को काम करने से रोक सकते हैं और उन्हें भी करना चाहिए। शोध से पता चलता है कि कुछ जड़ी-बूटियां साइड इफेक्ट को कम करने में मदद कर सकती हैं, उदाहरण के लिए, अदरक उल्टी और मतली को कम कर सकता है।
1970 में ऐसा कहा गया था कि अधिक मात्रा में विटामिन सी कैंसर का इलाज कर सकता है। यह निष्कर्ष एक शोध पर आधारित था, जिसमें ये कहा गया था कि विटामिन सी का अधिक सेवन कैंसर कोशिकाओं के लिए विषाक्त है। लेकिन अध्ययनों से पता चलता है कि मुंह से विटामिन सी के मेगाडोस लेना कैंसर वाले लोगों के लिए कुछ नहीं करता है बल्कि यह कुछ कीमोथेरेपी दवाओं के काम को प्रभावित कर सकता है।