Things parents must consider before taking divorce: भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा (Sania Mira) और पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शोएब मलिक (Shoaib Malik) की शादी दुनियाभर में एक बेहतरीन उदाहरण मानी जाती है कि जब दो लोग प्यार में हों तो वे किस तरह दुनिया के सभी बंधनों को पीछे छोड़ जाते हैं। सानिया मिर्ज़ा और शोएब मलिक ने साल 2010 में हैदराबाद (Hyderabad) में शादी (Sania Mirza and Shoaib Malik wedding) की थी और उसके बाद दोनों दुबई शिफ्ट हो गए। दोनों दुबई (Dubai) में रहते हुए अपने-अपने देश के लिए खेलते रहे और हर बार देश के लिए मेडल्स और ट्रॉफिज जीतकर अपनी जिम्मेदारी निभायी। प्यार देश के लिए हो या एक-दूसरे के लिए सानिया और शोएब ने हमेशा इसमें कमी ना आने दी। लेकिन, अब इनके रिश्ते में भी दूरियां आने की बात कही जा रही है और ऐसा कहा जा रहा है कि शायद सानिया और शोएब जल्द ही तलाक ले लें। (Sania Mirza And Shoaib Malik Divorce News)
जी हां, बीते कई दिनों से इस कपल के रिश्ते के बारे में कुछ ऐसी खबरे आ रही हैं जो उनके फैंस को दुखी कर रही हैं। दरअसल, ऐसी चर्चा तेज है कि सानिया मिर्जा और शोएब मलिक तलाक ले रहे हैं। खबरों के मुताबिक सानिया और शोएब काफी दिनों से एक-दूसरे से अलग (Sania Mirza and Shoaib Malik living separately) रह रहे हैं। हालांकि, अभी तक सानिया या शोएब की तरफ से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। इस बीच खबरें यह भी आयीं कि हो सकता है ये दोनों जल्द ही तलाक भी लें लें। लेकिन, डिवॉर्स के बाद भी सानिया मिर्जा और शोएब मलिक अपने बेटे इजहान मिर्जा मलिक (Iizhaan mirza malik) पर इसका प्रभाव नहीं पड़ने देंगे। शोएब और सानिया के करीबी दोस्तों के हवाले यह खबरें आ रही हैं कि दोनों ने तय किया है कि तलाक के बाद भी वे अपने बेटे (Sania Mirza and Shoaib Malik Son) की देखभाल और परवरिश में अपनी-अपनी ज़िम्मेदारी पूरी तरह उठाएंगे और इस बात का पूरा ख्याल रखेंगे कि बच्चे को बड़ा करने और उसकी पेरेंटिंग से जुड़ी कोई कमी उसे महसूस ना हो।
तलाक एक दर्दनाक और तकलीफभरी बात है। क्योंकि, जब किसी का तलाक होता है तो तलाक लेने वाले कपल्स के सेपरेशन का असर केवल उन पति-पत्नी पर ही नहीं पड़ता बल्कि, इसके साथ ही परिवार के अन्य सदस्यों पर भी इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। वहीं, मां-बाप के तलाक की वजह से सबसे अधिक तकलीफ बच्चों को सहनी पड़ती है। अचानक से उन्हें मां या बाप में से किसी एक के साथ रहना पड़ता है वहीं, दूसरे से मिलना या उसके साथ वक्त बिताना एक मुश्किल बात मालूम पड़ती है। तलाक की प्रक्रिया के दौरान मां-बाप के साथ-साथ बच्चे भी बहुत अधिक मानसिक तकलीफ झेलते हैं और इस तकलीफ के कारण कई बार बच्चे तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से भी गुजरते हैं। वहीं, बच्चों का सामाजिक परिवेश और आर्थिक स्थिति में आए बदलाव भी उनके लिए किसी बड़ी समस्या से कम नहीं होते।
बच्चों का कोमल मन मां-बाप के तलाक के कारण घर के बदले माहौल और जिंदगी में होने वाले नये अनुभवों के बीच बहुत-सी चुनौतियों से गुजरता है। कई बार बच्चे इतने बड़े बदलावों को सह नहीं पाते जिसके चलते उनके मन पर बुरा असर पड़ता है और इसका असर उनके व्यवहार में दिखायी देने लगता है। आमतौर पर माता-पिता के तलाक के बाद बच्चों के व्यवहार में इस तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं-
बच्चे कई बार मां-बाप दोनों को अपनी समस्याओं के लिए दोषी मान लेते हैं और उनसे नफरत करने लगते हैं जिसकी वजह से उनके मन में दोनों के प्यार खत्म हो जाता है। मां-बाप के प्रति यह गुस्सा और चिड़चिड़ापन उनके व्यवहार में दिखायी देने लगता है।
गुस्से की वजह से बच्चे अपने मां-बाप की बात सुनना बंद कर देते हैं और उनकी कही किसी बात को सीरियसली लेना या उन पर गौर करना बच्चों को पसंद नहीं आता।
मां-बाप के तलाक के बाद कई बार बच्चे पहले की तुलना में कम बोलना, गुमसुम रहना या पूरी तरह से लोगों से घुलना-मिलना बंद कर देते हैं। ऐसे में वे ज्यादातर वक्त अकेले बिताते हैं और किसी और से बातचीत करना पसंद नहीं करते ।
इसके अलावा बच्चों को अपनी मनपसंद के कामों से बोरियत होना, मन ना लगना और कई बार खुद को चोट पहुंचाने जैसे काम करते भी देखा जाता है।
तलाक से जुड़ी इन्हीं मानसिक और भावनात्मक तकलीफों से बचने के लिए हमेशा तलाक लेने से पहले लोगों को अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचने की सलाह दी जाती है। (Things parents must consider before taking divorce) ऐसे में तलाक से पहले माता-पिता इन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा जरूर कर लें जैसे-
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