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जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज (Type-2 Diabetes) होती है और वह वजन कम करना चाहते हैं वे कीटो डाइट (Ketogenic Diet) का प्रयोग कर सकते हैं। दरअसल, कीटो डाइट में हाई फैट होता है लेकिन कार्ब कम होते है। यह डाइट आपके शरीर के उस तरीके को ही बदल देता है जिस ढंग से वह ऊर्जा को स्टोर करता है और उसका प्रयोग करता है। इससे आपके डायबिटीज के लक्षण भी कम होते हैं।
कीटो डाइट में आपका शरीर शुगर की बजाए फैट को एनर्जी में तब्दील करता है। यह डाइट 1920 में एपिलेप्सी (Epilepsy) के उपचार के लिए बनाई गई थी लेकिन इसके प्रभाव टाइप 2 डायबिटीज में भी देखने को मिले। यह डाइट आपके ब्लड ग्लूकोज लेवल को तो बेहतर बनाती ही है साथ में आपकी इन्सुलिन की जरुरत को भी कम करती है। अगर आप कीटो डाइट को अपनी डाइट बनाना चाहते हैं तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं।
जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होती है वह पहले से ही ओवर वेट होते हैं इसलिए जब उन्हें हाई फैट के लिए बोला जाता है तो वह सोचते हैं कि यह समय की बर्बादी है और इससे उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन इस डाइट का मुख्य रोल डायबिटीज में यह होता है कि आपका शरीर शुगर की बजाए फैट को एनर्जी में बदलता है। जिस कारण आपको डायबिटीज में बहुत लाभ मिलता है। इस डाइट के दौरान आपको हाई फैट मिलता है और लो कार्ब मिलते हैं।
हालांकि इस डाइट का यह भी मतलब नही होता कि आप बहुत सी ऐसी चीजें खाएं जिनमें अनसैचुरेटेड फैट हो। अपनी हेल्थ को एक अच्छी स्थिति में रखने के लिए आपको हेल्दी फैट्स का चयन करना होगा। कुछ हेल्दी चीजें जो इस डाइट के दौरान खाई जाती हैं वह है- अंडे, साल्मन जैसी मछली, कॉटेज चीज़, एवोकाडो, ऑलिव, नट्स और नट बटर और बीज।
यह डाइट आपके ब्लड ग्लूकोज लेवल को भी कम करने का समर्थ रखती है। जिन लोगों को टाइप-2 डायबिटीज होती है उनको अक्सर कम कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सेवन करने के लिए बोला जाता है क्योंकि कार्ब्स शुगर में तब्दील हो सकते हैं, जिससे आपकी शुगर लेवल और अधिक बढ़ सकती है। जैसा कि हम जानते हैं यह डाइट हमें बहुत कम कार्ब की मात्रा सेवन करने का अवसर देती है इसलिए इससे हमारी ब्लड शुगर नियंत्रित रहती है।
अगर आपका ग्लूकोज लेवल पहले से ही बहुत अधिक बढ़ा हुआ है तो आपको कुछ भी नया करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें लेनी चाहिए और कुछ भी ऐसा नहीं करना चाहिए जिससे आपका ग्लूकोज लेवल बढ़ सके।