फूलझड़ी से जल जाए बच्चों का हाथ तो तुरंत इस तरह लगाएं सरसों का तेल, नहीं बनेगा घाव
क्योंकि बच्चे अनजान होते हैं इसलिए इस दौरान उन्हें चोट लगना और हाथ जलने की दिक्कत हो सकती है। यदि जली हुई जगह पर तुंरत सही उपचार अपनाया जाए तो किसी बड़े खतरे को टाला जा सकता है। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि यदि फूलझड़ी आदि से बच्चों का हाथ जल जाए तो आपको तुरंत क्या करना चाहिए।
Written by Rashmi Upadhyay|Published : November 13, 2020 10:07 AM IST
लंबे इंतजार के बार आखिरकार दिवाली आ ही गई है। पूरे देश में दिवाली की धूम है और लोग एक दूसरे को इस पावन पर्व की शुभकामनाएं दे रहे हैं। हमेशा से ही दीपावली पर एक दूसरे को बधाईयां देने, मिठाईयां और गिफ्टस बांटने और पटाखे छोड़ने का चलन है। हालांकि इस साल कोरोना वायरस के चलते लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर दूर से ही एक दूसरे को बधाईयां दे रहे हैं। साथ ही पटाखों पर भी बैन है तो बच्चे भी इनसे दूर हैं। लेकिन फूलझड़ी और अन्य छोटे पटाखे बच्चे किसी तरह फोड़ ही लेते हैं। क्योंकि बच्चे अनजान होते हैं इसलिए इस दौरान उन्हें चोट लगना और हाथ जलने की दिक्कत हो सकती है। यदि जली हुई जगह पर तुंरत सही उपचार अपनाया जाए तो किसी बड़े खतरे को टाला जा सकता है। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि यदि फूलझड़ी आदि से बच्चों का हाथ जल जाए तो आपको तुरंत क्या करना चाहिए।
सरसों का तेल
सरसों का तेल हमारे लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। यह तेल इतना पौष्टिक होता है कि इसका इस्तेमाल खाना बनाने के साथ साथ स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है। सरसों के तेल की तासीर गर्म होती है। यदि कहीं पर जल तो तुरंत सरसों का तेल लगाने से आराम मिलता है। ऐसा करने से मांसपेशियां को तुरंत आराम मिलता है और रक्त संचार भी बेहतर होता है। लेकिन ध्यान रहे यदि जल कर घाव बन गया है तो इस स्थिति में सरसों के तेल का प्रयोग न करें।
सालों से इस उपचार का इस्तेमाल किया जाता रहा है। आलू में मौजूद एंटी-बैक्टिरीअल गुण घाव को न सिर्फ जल्दी भरने में मदद करता है बल्कि नमी भी प्रदान करता है। दिवाली के पटाखे छोड़ते समय यदि बच्चे का हाथ या कोई और अंग जल जाए तो यह उपचार अपनाना बहुत फायदेमंदं होता है।
एलोवेरा जेल या एंटीबायोटिक क्रीम भी जले हुए हिस्से को तुरंत राहत देती है। एलोवेरा को घाव पर लगाने से ठंडक मिलती है और घाव को भरने में भी आसानी होती है।
हल्दी को भी जले हुए अंग पर लगाएं और सूखने दें। हल्दी के एंटी बैक्टीरियल गुण जले हुए अंग को तुरंत सही करते हैं।
कलॉइडल सिल्वर का एन्टीसेप्टिक और घाव को जल्दी भरने का गुण इसको और प्रभावकारी बनाता है। यहां तक कि हॉस्पिटलों में भी जलने के जगह का इलाज करने के लिए कलॉइडल सिल्वर का इस्तेमाल करते हैं।
जलने पर नारियल का तेल लगाएं। इससे जलन कम होगी और आराम मिलेगा। इन घरेलू उपायों को आजमाने से डर लगता है, तो बेहतर होगा कि आप किसी आयुर्वेदाचार्य की सलाह ले लें।
तिल को पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे जलने वाले भाग पर लगाएं। जलन और दर्द नहीं होगा। तिल से दाग-धब्बे भी चले जाते हैं।
जलने के बाद सबसे पहले करें ये 5 काम
जले हुए स्थान को गर्म कपड़ा या कंबल से न ढंके। कुछ देर जले हुए स्थान पर ठंडा पानी डालें, इससे जलन से राहत मिलेगी और फफोले भी नहीं बनेंगे।
अधिक जलने पर खुद से कोई भी क्रीम न लगाएं। हल्का जला हो, तो किसी मेडिकल स्टोर से अच्छी सी क्रमी खरीद कर अप्लाई करें।
प्राथमिक उपचार के तौर पर जले हुए अंग पर सोफरामाइसिन भी लगा सकते हैं। 20 से 30 प्रतिशत जलने पर खुद से कोई इलाज न करें और बिना देर किए हुए डॉक्टर के पास जाएं।
घाव को खुला न छोड़ें। उसके ऊपर ढीली पट्टी या न चिपकने वाली पट्टी बांध लें। इससे इंफेक्शन होने का डर नहीं रहता।
जलने के बाद संक्रमण होने की आशंका अधिक रहती है, ऐसे में पीड़ित व्यक्ति को टिटनेस का इंजेक्शन जरूर लगवाएं।
Don’t Miss Out on the Latest Updates. Subscribe to Our Newsletter Today!
Subscribe Now
Enroll for our free updates
Thank You for Subscribing
Thanks for Updating Your Information
By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the storing of cookies on your device to enhance site navigation, analyze site usage, and assist in our marketing efforts. Cookie Policy.