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Celery in Hindi: अजमोद के फायदे, साइड इफेक्ट्स, उपयोग और अन्‍य

Celery in Hindi: अजमोद के फायदे, साइड इफेक्ट्स, उपयोग और अन्‍य

अजमोद हरे रंग की पत्तियों वाला एक खास प्रकार का पौधा है, जिससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों को देखते हुए इसे जड़ी-बूटियों की श्रेणी में रखा जाता है। इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से ही एक घरेलू उपचार के रूप में और व्यंजनों में डाले जाने वाले एक मसाले के रूप में किया जाता है।

Written by Mukesh Sharma |Published : January 6, 2022 12:42 PM IST

अजमोद को एक लाभकारी जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है। इसका उपयोग भोजन में स्वाद के रूप में डालने और कई स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए किया जाता है। इसे अंग्रेजी में सेलेरी (Celery) कहते हैं और इसका वैज्ञानिक नाम एपियम ग्रेवोलेंस (Apium graveolens) है। कई लोग इसे सलाद के रूप में जबकि अन्य सूप बनाकर इसका सेवन करते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें मुख्य रूप से कैलोरी, प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट्स शामिल हैं। इसके अलावा यह विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, पोटेशियम और फोलेट का भी एक अच्छा स्रोत है।

अजमोद के फायदे (Benefits of Celery in Hindi)

  • मोटापा कम करने में मदद करता है- अजमोद में मात्रा में कैलोरी पाई जाती है, जिसे आपके आहार में मिलाकर आपकी रोजाना कैलोरी की खपत कम की जा सकती है। कैलोरी कम लेने से और शारीरिक गतिविधियां बढ़ाकर आप अपना मोटापा कम कर सकते है।
  • कब्ज दूर करने में मदद करे- जिन लोगों को कब्ज की समस्याएं हैं उनके लिए अजमोद एक वरदान साबित हो सकता है। सेलेरी यानि अजमोद में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो आपके मल त्यागने की प्रक्रिया को बढ़ाता है और आप रोजाना अपना पेट साफ कर पाते हैं। रोजाना अजमोद का उचित मात्रा में सेवन करने से कब्ज की समस्याएं काफी हद तक ठीक हो जाती हैं।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाए- लगातार बिगड़ रही जीवनशैली और आहार में पोषण की कमी होने के कारण लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती जा रही है और इसी कारण से नई-नई बीमारियां जन्म ले रही हैं। ऐसे में अजमोद एक प्रभावी जड़ी के रूप में काम आ सकता है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में महत्वपूर्ण विटामिन पाए जाते हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है।
  • आंखों व त्वचा को स्वस्थ रखे- अजमोद एक देशी जड़ी बूटी होने के साथ-साथ यह विटामिन ए का भी अच्छा स्रोत है। इसका नियमित रूप से सेवन करने पर त्वचा और आंखें स्वस्थ रहती हैं। जिन लोगों को त्वचा में रुखापन, पपड़ी आना या त्वचा संबंधी कोई अन्य बीमारी है उनके लिए अजमोद का इस्तेमाल अच्छा रिजल्ट दे सकता है। ठीक इसी प्रकार जिन लोगों को आंखों संबंधी समस्याएं उन्हें भी अजमोद का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  • बीपी कम करने में मदद- जिन लोगों को उच्च रक्तचाप की समस्या रहती है, उनके लिए अजमोद का सेवन एक महत्वपूर्ण घरेलू उपचार बन सकता है। सेलेरी में फ्थैलिडीज (Phthalides) नामक एक विशेष तत्व पाया जाता है, जो धमनियों को शांत करके उनके मार्गों को खोलने में मदद करता है। सिकुड़ी हुई धमनियां खुलने पर रक्तस्राव बढ़ जाता है और बीपी कम होने लगता है।
  • हड्डियों के रोगों का इलाज- जिन लोगों को ओस्टियोपोरोसिस या आर्थराइटिस जैसे हड्डियों के रोग हैं, उनके लिए भी एक फायदेमंद नुस्खा है। अजमोद व उसके बीजों में लगभग 25 प्रकार के अलग-अलग एंटी-इंफ्लेमेटरी कंपाउंड (सूजन व लालिमा दूर करने वाले तत्व) पाए जाते हैं, जो आर्थराइटिस में होने वाली सूजन, दर्द व अन्य समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं। वहीं इसमें मौजूद विटामिन के (Vitamin K) हड्डियों की सघनता को बढ़ाती है, जिससे यह ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियां कमजोर पड़ना) जैसे रोगों से लड़ने में मदद करता है।
  • कोलेस्टेरॉल कम करता है- आजकल अस्वास्थ्यकर आहार सेवन और व्यायाम की कमी के कारण एक बड़ी आबादी को कोलेस्ट्रेरॉल की समस्या होने लगी है। अजमोद में ब्यूटिलफ्थैलाइड (Butylphthalide or BuPh) पाया जाता है, जो लिपिड को कम करने की शक्ति होती है। कोलेस्टेरॉल एक प्रकार का लिपिड ही होता है और इस प्रकार जिन लोगों का कोलेस्टेरॉल बढ़ता है उनके लिए कोलेस्टेरॉल काफी फायदेमंद हो सकता है।
  • अच्छी नींद लेने में मदद- सेलेरी में पाए जाने वाले बीयूपीएच (BuPh) के अन्य कई फायदे भी हैं, जो नींद लाने में भी मदद करते हैं। बीयूपीएच हमारे शरीर के केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को शांती प्रदान करने वाले एक एजेंट के रूप में काम करता है, जिससे हम अच्छी नींद ले पाते हैं। जिन लोगों को नींद संबंधी समस्याएं होती हैं, उन्हें अजमोद के सेवन पर विचार करना चाहिए।
  • कई संक्रमणों को रोकने में मदद करे- सेलेरी में विशेष फ्लैवोनोएड्स पाए जाते हैं, जो कई प्रकार के बैक्टीरिया को फैलने से रोकते हैं। जिन लोगों को बैक्टीरिया के कारण पेट में अल्सर हो गए हैं, उनके लिए अजमोद का सेवन काफी फायदेमंद है। कुछ अध्ययनों के अनुसार अजमोद शरीर में एक डाईयुरेटिक के रूप में काम करता है, जिससे शरीर से अतिरिक्त पानी निकालने में मदद मिलती है। इसलिए जिन लोगों को मूत्र पथ में संक्रमण है, उनके लिए अजमोद काफी फायदेमंद हो सकता है।
  • कैंसर की रोकथाम में मदद- अजमोद में क्वार्सेटिन (Quercetin) नामक एक विशेष फ्लैवोनोएड पाया जाता है, जो सूजन जैसी समस्याएं कम करता है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार क्वार्सेटिन एक एंटी-कैंसर एजेंट के रूप में काम करता है। इतना ही नहीं अजमोद में पाए जाने वाले एपिजेनिन (Apigenin) और ल्यूटीओलिन (Luteolin) फ्लैवोनोएड्स अग्न्याशय में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में मदद करते हैं।
  • भ्रूण को स्वस्थ रखे- जो महिलाएं गर्भवती हैं उनके लिए भी अजमोद एक वरदान हो सकता है। अजमोद में फोलेट पाया जाता है, जो गर्भ में पल रहे भ्रूण स्वस्थ रखने में मदद करता है। साथ ही फोलेट थकान और याद्दाश्त की कमी जैसी समस्याओं को दूर करता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
  • अस्थमा को रोके- सेलेरी में मौजूद विटामिन सी अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। अजमोद में मौजूद विटामिन फ्री रेडिकल्स को शरीर के किसी अंग को हानि पहुंचाने से रोकता है।

इसके अलावा अजमोद में पाए जाने वाले तत्वों व यौगिकों के अनुसार यह अन्य कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने व उनके लक्षणों को कम करने में मदद करता है, जैसे -

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अजमोद से क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं? (Side effects of Celery in Hindi)

अजमोद एक वनस्पति है इसलिए यदि इसका उचित मात्रा में और सभी नियमों का पालन करते हुए सेवन किया जाए, तो इससे किसी प्रकार के साइड इफेक्ट्स होने का खतरा काफी कम हो सकता है। हालांकि, इसका सेवन शुरु करने से पहले किसी डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ (Dietitian) से बाद कर लेनी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्यों कि कुछ लोगों को अजमोद से एलर्जी हो सकती है जबकि अन्य लोगों को अजमोद पचाने में थोड़ी दिक्कत आ सकती है। इसके अलावा अजमोद से निम्न कुछ साइड इफेक्ट्स भी देखे गए हैं, जो दुर्लभ मामलों में ही होते हैं -

  • त्वचा पर चकत्ते या एनाफिलेक्सिस
  • धूप के प्रति अतिसंवेदनशीलता (धूप सहन न कर पाना या धूप के संपर्क में आते ही त्वचा लाल हो जाना)

इसके अलावा इसका उचित मात्रा में सेवन न करने से भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। उदाहरण के रूप में यदि आप अजमोद का अत्यधिक सेवन करते हैं, जिस कारण से अन्य आहार आपने कम कर दिए हैं तो ऐसे में आपके शरीर में कैलोरी की कमी हो सकती है और अन्य कुछ गंभीर मामलों में कुपोषण भी हो सकता है। वहीं अजमोद में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जिसका सामान्य से अधिक सेवन करने से पेट फूलना, बार-बार गैस आना, दस्त और उल्टी की शिकायत भी हो सकती है। साथ ही यदि आप कोई दवा ले रहे हैं तो उसके साथ अजमोद का सेवन भी कुछ विपरीत प्रभाव डाल सकता है। इसलिए अजमोद का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर और डाईटीशियन से सलाह ले लेनी चाहिए।

अजमोद का इस्तेमाल (Uses of Celery in Hindi)

अजमोद सिर्फ एक जड़ी-बूटी ही नहीं यह एक स्वास्थ्यवर्धक सब्जी भी है, जिसे कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है। अजमोद का सेवन निम्न तरीके से किया जा सकता है -

  • सूप बनाकर - 1 कप
  • काढ़ा बनाकर - 1 कप
  • रस निकालकर (जूस) - आधा गिलास
  • तेल में फ्राई करके - 1 कप

हालांकि, आपके स्वास्थ्य के अनुसार अजमोद का सेवन कम या ज्यादा मात्रा में भी किया जा सकता है, जिसके लिए आप डॉक्टर या डाईटीशियन से सलाह ले सकते हैं।