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जौ में जड़ी-बूटियों वाले कई महत्वपूर्ण लाभ पाए जाते हैं और यह विटामिन, मिनरल, फाइबर व अन्य कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। वास्तव में यह एक प्रकार का अनाज होता है, जिसे अंग्रेजी भाषा में “बारले” (Barley) के नाम से जाना जाता है। जौ का वैज्ञानिक नाम “होर्डियम वल्गरे” (Hordeum vulgare) है।
जौ से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों को लेकर यह दुनियाभर में काफी प्रचलित है। इससे स्वास्थ्य संबंधी कई प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जाता है। जौ से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों में आमतौर पर निम्न प्रमुख हैं -
जौ में फाइबर समेत कई लाभदायक तत्व पाए जाते हैं, जिनसे जल्दी पेट भर जाता है और आप कम कैलोरी ले पाते हैं। यदि आप वजन कम करना चाहते हैं, तो आपको जौ को अपने आहार में शामिल करने पर विचार कर लेना चाहिए।
जौ पर किए गए कुछ अध्ययनों में पाया कि जौ में फाइबर के साथ-साथ अन्य कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो हमारी पाचन प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। इसलिए जौ का सेवन करने से कब्ज, दस्त व पेट संबंधी कई समस्याएं होने का खतरा कम हो जाता है।
एक अध्ययन में पाया गया कि पर्याप्त मात्रा में अघुलनशील फाइबर लेने से पित्ताशय में पथरी होने के खतरे को एक निश्चित स्तर तक कम किया जा सकता है। जौ में पर्याप्त मात्रा में अघुलनशील फाइबर पाया जाता है, जो पित्ताशय में पथरी बनने के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
जौ में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो इंसुलिन के स्राव और रक्त में शुगर के स्तर को सामान्य रखने में मदद कर सकते हैं। साथ ही जौ में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम नामक खनिज पाया जाता है, जो इंसुलिन बनने की प्रक्रिया को बढ़ाता है।
कुछ अध्ययनों के अनुसार अपने आहार में जौ जैसे साबुत अनाज को शामिल करना कोलन कैंसर होने के खतरे को कम कर सकता है। जौ में मौजूद फाइबर आंतों को समय पर खाली करने में मदद करता है, जिससे आंतों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है
हालांकि, उपरोक्त बताए गए सभी स्वास्थ्य लाभ अध्ययनों पर आधारित हैं और कुछ अध्ययन चूहों व अन्य जानवरों पर किए जाते हैं। हर व्यक्ति का शरीर खाद्य पदार्थों व उनमें मौजूद पोषक तत्वों पर अलग तरीके से काम करता है। इसलिए, आपको जौ का सेवन करने से पहले अपने डाईटीशियन से बात करने की सलाह दी जाती है।
जौ का सेवन करना अधिकतर लोगों के लिए सुरक्षित माना गया है, हालांकि, अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से आपका पेट खराब हो सकता है। वहीं यदि आपको सीलिएक रोग या ग्लूटेन से एलर्जी है, तो जौ का सेवन करने से आपके शरीर में एलर्जिक रिएक्शन पैदा हो सकता है। इसलिए यदि आप पहली बार जौ का सेवन करने जा रहे हैं, तो पहले थोड़ी सी मात्रा में उसे लें, ताकि शरीर में होने वाले रिएक्शन का पहले ही पता लगाया जा सके।
यदि आपने अधिक मात्रा में जौ का सेवन किया है या फिर जौ से आपको एलर्जिक रिएक्शन हो गया है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी जाती है।
जौ दुनियाभर में एक लाभदायक अनाज के रूप में प्रसिद्ध है और घरों में इसका कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करने के लिए भी किया जाता है। जौ की मदद से रोटी व सूप जैसे कई स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते हैं। आजकल मार्केट में भी ऐसे कई प्रोडक्ट उपलब्ध हैं, जिन्हें जौ की मदद से बनाया जाता है। जौ का सेवन निम्न तरीके से किया जा सकता है -
हालांकि, आपके लिए कितनी मात्रा में जौ उचित हैं और किस तरीके से इनका सेवन किया जाना चाहिए आदि के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से बात करें।
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