हेपेटाइटिस की बीमारी खतरनाक होती है. कई बार हेपेटाइटिस जानलेवा भी हो जाती है. लेकिन हाल के वर्षों में कई शोधों में इसके इलाज और बचाव के उपाय सामने आ चुके हैं. लेकिन लिवर की ही बीमारी फैटी लिवर एक ऐसी बीमारी है जिसका अभी तक कोई ठोस इलाज संभव नहीं है. अब आप सोचें कि अगर किसी को फैटी लिवर और हेपेटाइटिस (Fatty liver and hepatitis) एक साथ हो जाए तो उसका क्या होगा ? हेपेटाइटिस बी और सी का संक्रमण तो आसानी से ठीक भी हो जाता है. अगर फैटी लिवर और हेपेटाइटिस (Fatty liver and hepatitis) एक साथ हो जाये तो क्या करना चाहिए ?
लिवर की सबसे खतरनाक बीमारियों में शामिल हेपेटाइटिस के मरीजों की संख्या भारत में बहुत ज्यादा है. विश्व मानकों में देखा जाए तो भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बढ़ा हेपेटाइटिस का शिकार देश है.
हेपेटाइटिस के बारे में एक्सपर्ट्स भी बताते हैं कि हेपेटाइटिस सी और बी का समय पर इलाज न हो तो जान भी जा सकती है. कई बार तो हेपेटाइटिस की वजह से लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर हो जाता है.
भारत में फैटी लिवर के मरीज भी बढ़ रहे हैं. फैटी लिवर के लिए सबसे ज्यादा कारक शराब और तंबाकू का सेवन माना जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो फैटी लिवर की समस्या आने वाले समय में गंभीर बीमारी के रूप लेने वाली है.
कई बार हम बिना किसी डॉक्टर के सलाह के दवाओं का सेवन करने लगते हैं. कोई दवा जो आप खाते हैं उसका सबसे ज्यादा असर आपके लिवर पर पड़ता है. अगर आप बिना किसी डॉक्टर के सलाह के दर्द अन्य किसी तरह की दवा लेते हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है.
इसके अलावा अगर लिवर की कोई बीमारी है तो आपको डॉक्टर द्वारा बताई गयी खुराक समय पर लेनी चाहिए. जितने दिन के लिए दी गयी हो उतने दिन तक दवा का सेवन करना चाहिए. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो एंटीवायरल दवाओं के प्रति रेजिस्टेंट विकसित होने लगते हैं. जिससे बाद में वो दवा भी काम नहीं करती है और आपकी बिमारी भी बढ़ती जाती है.
कोई भी बीमारी हो उसका सीधा न सही लेकिन कहीं न कहीं से खान-पान से संबंध जरूर होता है. हेल्दी डाइट के साथ कुछ चीजों के प्रति सावधानी भी बरतनी होती है. लिवर की बीमारियों से बचने के लिए चीनी का सेवन कम से कम करना चाहिए. चीन का कम सेवन आपको लिवर के साथ डायबिटीजी की बीमारी से भी बचाता है.
लिवर की बीमारी के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं. अगर आप इन्हें समय रहते पहचान लेते हैं तो गंभीर समस्या से बच जाते हैं. पेट में सूजन, पेट में हल्का-हल्का दर्द, खाने का मन न करना, थकान बहुत लगना, बुखार और पीलिया जैसे लक्षण लिवर की बीमारी के संकेत देते हैं.
इसके अलावा पेशाब में पीलापन, बेहोशी के झटके और जोड़ों में दर्द भी लिवर की बीमारी के संकेत हैं. अगर आपके साथ भी इस तरह की कोई समस्या देखने को मिलती है तो अपने डॉक्टर से मिलकर इसका निदान कराएं.
फैटी लिवर के खतरे युवाओं में साइलेंट किलर की तरह हैं.
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