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गर्मी की छुट्टियों में अपना ही नहीं बच्चों का भी रखें विशेष ख्याल, जानें एक्सपर्ट्स के जरूरी टिप्स

गर्मी की छुट्टियों में अपना ही नहीं बच्चों का भी रखें विशेष ख्याल, जानें एक्सपर्ट्स के जरूरी टिप्स

इस मौसम में शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है, क्योंकि तापमान बढ़ने के साथ शरीर में मैटाबोलिक बदलाव आते हैं।

Written by akhilesh dwivedi |Published : June 15, 2018 1:00 PM IST

गर्मियों का मतलब जहां तेज धूप, धूल भरी गर्म हवाओं, उमस, संक्रमण और कई तरह की बीमारियों से जुड़ा हुआ है, वहीं बच्चों के लिए गर्मियां स्कूल, पढ़ाई, टीचर्स, होमवर्क इन सभी से आजादी से जुड़ी है। गर्मी की छुट्टियों में बच्चे खेल-कूद, मनोरंजन और खाने-पीने में ज्यादा समय बिताते हैं, जिससे उनके परिजनों को उन पर ध्यान रखना थोड़ा ज्यादा मुश्किल हो जाता है।

बच्चों की इन्हीं बेफेक्री को ध्यान में रखते हुए इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के पीडिएट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलोजी के कन्सलटेन्ट डॉ. विद्युत भाटिया ने कुछ आसान से सुझाव दिए हैं, जिससे आप अपने बच्चों का बेहतर तरीके से ध्यान रख सकते हैं।

गर्मी से बचें

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ध्यान रखें कि आपका बच्चा दिनभर हाइड्रेटेड रहे, खेलकूद और आउटडोर गतिविधियों में व्यस्त रहने के दौरान बच्चे अक्सर पानी पीना भूल जाते हैं और घण्टों प्यासे रहते हैं। इसके लिए बच्चों के ऐसे विकल्प दें, जिससे उनके शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बना रहे। हालांकि पानी का कोई विकल्प नहीं है, लेकिन इस मौसम में नारियल पानी, फलों के रस, लस्सी, छाछ और फलों की स्मूदीज अच्छा विकल्प हो सकते हैं।

  • बच्चे को काबोर्नेटेड पेय पदार्थों से दूर रखें, इनसे शरीर सिर्फ डीहाइडेज्ट होता है, और शरीर में शुगर यानि चीनी का स्तर बढ़ जाता है।

सही अहार पर ध्यान दें

गर्मियों में सही आहार बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस मौसम में शरीर को अतिरिक्त ऊर्जा की जरूरत होती है, क्योंकि तापमान बढ़ने के साथ शरीर में मैटाबोलिक बदलाव आते हैं। इसलिए सलाह दी जाती है कि तेल और वसा से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। मौसमी फलों, सब्जियों और पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इससे बच्चे दिन भर सक्रिय रह सकते हैं। गर्मियों के मौसम में आम, लीची, केला, तरबूज, खरबूजा, प्लम और चैरी जैसे ढेरों विकल्प उपलब्ध होते हैं।

अपने आप को ढ़ककर रखें

धूप सेहत के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन गर्मियों में धूप बहुत तेज होती है जो हमें बीमार कर सकती है। बच्चे थोड़ी देर तेज धूप में रहने पर भी डिहाइड्रेशन और हीटस्ट्रोक के शिकार हो सकते हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि दिन भर घर में ही रहें, सुबह जल्दी और शाम को ही बाहर जाएं।

अगर बाहर जाना जरूरी हो तो अपने आप को कवर कर लें, खासतौर पर बच्चों का ज्यादा ध्यान रखें। इस मौसम में कपड़े भी आरामदायक और हवादार होने चाहिए, जो बच्चों को धूप से सुरक्षित रख सकें। गर्मियों में सिर ढकने के लिए टोपी का इस्तेमाल करें। धूप के चश्मे से आप अपनी आंखों को धूल, मिट्टी और गर्मी से बचा सकते हैं।

बच्चे को कभी भी कार में बंद न करें

ऐसे बहुत से उदाहरण देखे गए हैं जब बच्चों की बंद कार में मौत हो जाती है। माता-पिता उन्हें धूप से बचाने के लिए कार में कुछ देर बंद कर के चले जाते हैं। यह समझना जरूरी है कि बंद जगह पर तापमान जल्दी बढ़ता है। कार में तो ऐसा और भी तेजी से होता है, क्योंकि कार की बॉडी मैटल से बनी होती है। थोड़ी ही देर में कार ओवन की तरह तपने लगती है। बच्चे के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बच्चों के साथ बड़ों को भी यह सावधानी बरतनी चाहिए।

घर के भीतर भी बच्चों का पूरा ध्यान रखें

घर के भीतर भी बच्चों का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। उन्हें बीच-बीच में पानी और तरल पदार्थ देते रहें। डिहाइड्रेशन कहीं भी हो सकता है, घर के भीतर भी तापमान अचानक बढ़ जाता है।

एलर्जी और मौसमी बदलाव का ध्यान रखें

गर्मियों में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह पीलिया, त्वचा रोगों और डायरिया की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को मच्छरों से सुरक्षित रखा जाए। मॉस्क्यूटो रेपेलेंट का इस्तेमाल करें, बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं और एंटी मॉस्क्यूटो पैच या जैल इस्तेमाल करें।

गर्मियों में खेलों के दौरान सावधानी बरतें

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तैराकी हो या अन्य खेल जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन आदि। खेल के दौरान अपने आप को धूप से सुरक्षित रखना और खूब पानी पीना जरूरी है। बच्चे खेल में व्यस्त होने के कारण ध्यान नहीं दे पाते इसलिए माता-पिता को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

समर केयर किट

समर केयर किट तैयार कर लें, बच्चे को घर के अंदर गतिविधियों में व्यस्त रखें। इस किट में ग्लूकोज, ओआरएस, पानी की बोतल, टोपी, धूप का चश्मा, नोट बुक और गर्मियों के लिए विशेष निर्देश होने चहिए। साथ ही 'क्या करें' और 'क्या न करें' और 'आपातकालीन स्थिति के लिए कॉन्टेक्ट नम्बर' जैसी सभी चीजें भी होनी चाहिए।

स्रोत:IANS Hindi.

चित्रस्रोत:Shutterstock.