आंकड़े बताते हैं कि भारतीयों को खराब जीवनशैली से लेकर जीन-संरचना तक अनेक कारकों के चलते अन्य जातीय समूहों की तुलना में लगभग 8 से 10 साल पहले ही दिल के दौरे का शिकार होना पड़ जाता है। स्थिति तब और बिगड़ जाती है जब दिल के दौरे के शिकार लोगों में से कई को 3 घंटे या उससे भी अधिक समय के बाद अस्पताल पहुंचाया जाता है जिससे उनके सामान्य स्वास्थ्य को लौटाने में मुश्किल होती है। वे उपचार के गोल्डन आवर या सुनहरे घंटे को खो चुके होते हैं जो दिल का दौरा पड़ने के बाद पहला