हार्ट अटैक की बीमारी इतनी खतरनाक होती है कि लोगों को सभंलने का मौका भी नहीं मिलता है। सिर्फ हार्ट अटैक ही नहीं कई और हार्ट की बीमारियों में इंसान को पता नहीं चलता कि कब हो गयी। हार्ट के लिये अभी तक मौजूद जाचें लोग तभी कराते हैं जब कोई समस्या होती है।
एक नये ब्लड टेस्ट के बारे में पता चला है जो हार्ट की बीमारियों को पहले ही बता सकता है। इस टेस्ट में 98 प्रतिशत तक जानकारी सही होती है। इस नये टेस्ट के बारे में बिट्रेन के वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया है। शोध में बताया गया कि यह ब्लड टेस्ट शरीर में प्रोटीन की जांच करता है।
अगर इस जांच में आने वाले खर्च की बात की जाय तो यह लगभग 14 हजार रुपये में हो सकता है। इस एक ब्लड टेस्ट से आप हार्ट की होने वाली बीमारी के बारे में सजग हो सकते हैं और इसका इलाज करवा सकते हैं।
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शोधकर्ताओं ने बताया है कि यह ब्लड टेस्ट शरीर में प्रोटीन की जांच करता है। प्रोटीन हार्ट के चारों तरफ ब्लड प्रेशर व तरल पदार्थों को संचालित करने में अहम भूमिका निभाता है। जब किसी के हार्ट में कोई खिंचाव होता है तो काफी मात्रा में ब्रेन नाट्रियरेटिक पेप्टाइड (बीएनपी) प्रोटीन निकलता है। नया ब्लड टेस्ट इस प्रोटीन की जांच करता है। इस टेस्ट को वो लोग करा सकते हैं जिनको सांस लेने में तकलीफ होती हो और पैरों में थकान या सूजन रहती है।
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मौजूदा समय में दिल की बीमारी का स्कैन के जरिये पता लगाया जाता है। इस परीक्षण से इतने सटीक नतीजे भी नहीं मिल पाते है। नए टेस्ट में रक्त की जांच में 15 मिनट लगते हैं और तीन दिन में रिपोर्ट भी मिल जाती है। इसके बाद रोगी का उसी हफ्ते से इलाज शुरू किया जा सकता है। यहां आपको बता दें कि ब्रिटेन के 70 लाख लोगों में दस लाख कॉर्डियोवैस्कुलर डिजीज से पीड़ित हैं। दिल की मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से ब्रिटेन में हर तीन मिनट में एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ता है।
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इसके अलावा इसमें उच्च रक्तचाप, अनियमित हृदय गति जैसे एट्रियल फाइब्रिलेशन, एनीमिया और जन्म से होने वाली समस्याएं भी शामिल है। लंदन के रॉयल ब्रॉम्प्टन अस्पताल के प्रोफेसर मार्टिन कोवी ने कहा, हम कई सालों से इस पर काम कर रहे थे कि किस तरह से दिल का दौरा पड़ने से पहले ही खून की जांच से पता लगाया जा सके। अब जाकर हमें इसमें सफलता मिली है। यह बहुत ही साधारण टेस्ट है। इसके बाद सही इलाज हो सकता है।
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