मेनोपॉज (Menopause) एक नेचुरल प्रॉसेस है, जिसका सामना सभी महिलाओं को 40 वर्ष की उम्र के बाद करना ही पड़ता है। इसके शरीर पर कई तरह के नकारात्मक असर होते हैं। सबसे ज्यादा महिलाओं के बालों और त्वचा पर इसका असर पड़ता है। बाल बहुत अधिक टूटने-झड़ने लगते हैं। ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज हुसैन कहती हैं कि मेनोपॉज का नकारात्मक असर त्वचा के साथ ही बालों पर भी बहुत होता है। मेनोपॉज के दौरान बालों का लगातार गिरना (Hair loss during menopause) परेशान करने वाला हो सकता है। मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजेन लेवल कम हो जाता है, जिससे बाल गिरने की समस्या बढ़ जाती है।
1 लिक्विड का सेवन खूब करें। शरीर को आप जितना हाइड्रेटेड रखेंगे, बालों के टूटने की समस्या कम होगी। पानी के अलावा आप नींबू पानी, नारियल पानी, फलों का जूस पिएं।
2 अपनी जीवनशैली को बेहतर बनाएं। भरपूर सोएं। एक्सरसाइज करें। वजन अधिक है, तो वजन को घटाने की कोशिश करें। हर दिन लगबग 30 मिनट एक्सरसाइज और योग करें।
3 एल्कोहल और स्मोकिंग करती हैं, तो इनका सेवन छोड़ दें।
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4 अपनी डाइट में विटामिन सी व ई और प्रोटीन से युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें। हरी पत्तेदार सब्जियों, फलों में एंटीऑक्सीडेंट अधिक होते हैं। इनका सेवन करने से बालों के गिरने की समस्या कम होगी।साथ ही डाइट में ओमेगा -3 फैटी एसिड, सोयाबीन, दही, स्प्राउट्स भी शामिल करें। स्प्राउट्स में अमीनो एसिड होता है, जो बालों के लिए फायदेमंद होता है।
5 बालों में आप मेहंदी का पेस्ट लगाएं। इसमें आप आंवला भी मिला सकती हैं। ड्राई आंवला 2 से 3 कप पानी में रातभर भिगो कर रख दें। सुबह पानी निकाल कर आंवले को ग्राइंड कर लें। हिना पाउडर में आंवला, 4 छोटा चम्मच नींबू का रस और कॉफी, 2 कच्चे अंडे, 2 चम्मच ऑयल और बचा हुआ आंवला पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। दो घंटे इस मिक्स्चर को रखने के बाद बालों में लगाएं। दो घंटे छोड़ दें और फिर पानी से बालों को धो लें।
6 क्लिनिकल स्कैल्प ट्रीटमेंट से भी मदद मिलती है। वास्तव में इस ट्रीटमेंट का प्रयोग हेयर लॉस चेक करने के लिए होता है। उत्तेजना, चिंता, तनाव भी मेनोपॉजल अवस्था के दौरान हेयर लॉस बढ़ाता है, इसलिए जितना हो सके इससे बचें। शॉर्ट हेयरकट रखें। इससे आपको नया फील होने के साथ यंगर लुक मिलेगा।
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