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कंधों और हाथो को मजबूत बनाने के लिए रोजाना करें अष्टवक्रासन

कंधों और हाथो को मजबूत बनाने के लिए रोजाना करें अष्टवक्रासन

अगर आपके कंधे या कलाई में पहले से ही कोई इंजरी हो तो इस योगासन को न करें!

Written by Editorial Team |Updated : January 5, 2017 2:34 PM IST

कुछ योगासन ऐसे भी होते हैं जो शरीर को मजबूती देने के अलावा आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाते हैं और इन्हें करने से आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। योगा एक्सपर्ट प्रज्ञा भट्ट आज आपको ऐसे ही एक योगासन के बारे में बता रही हैं जिससे न सिर्फ आपके हाथो और कलाइयों को मजबूती मिलती है बल्कि इससे आपकी बैलेंस की क्षमता भी बेहतर होती है। इस योगासन को अष्टवक्रासन कहते हैं, इसे नियमित करने से कंधों के दर्द से भी छुटकारा मिलता है।

अष्टवक्रासन को करने के लिए स्टेप बाई स्टेप नीचे बताये हुए तरीके को अपनाएं:

  • अब अपने दाहिने घुटने को ऐसे मोड़ें जिससे दाहिना घुटना छत की तरफ हो और बाएं पैर को पूरी तरह फैला दें।

  • दाहिने हाथ से पैर को सहारा दें और बायीं हथेली से दवाब बनाकर दाहिने पैर को जमीन से उपर उठायें।

  • दाहिने पैर को ऐसे ही उठे रहने दें और अपने दाहिने हाथ को दोनों पैर के बीच में ऐसे डालें जिससे वो दाहिने पैर की जांघ को टच करता रहे।

  • अब दाहिने हाथ से दाहिने पैर की पिंडली पर दवाब बनाएं और इतना दवाब बनाएं जिससे आप बांया पैर भी उठा लें। इस दौरान दोनों हथेलियों से भी जमीन पर खूब दवाब डालें। पूरी प्रक्रिया के दौरान दाहिने पैर से हाथ पर दवाब बनाये रखें।

  • अब दोनों पैरों की एड़ियों को एक दूसरे में फंसा कर लॉक कर लें, इससे आपको इस योगासन को करने और बैलेंस बनाने में काफी आसानी रहेगी।

  • अब सांस अन्दर लें और हथेलियों से दवाब बनाकर पूरे शरीर को इसी पोजीशन में फ्लोर से ऊपर उठायें।

  • दोनों एड़ियों को एक दूसरे में लॉक किये हुए पैरों को धीरे धीरे सीधा कर लें और दोनों की दिशा दाहिनी तरफ कर लें।

  • अब अपने हाथो को चतुरंगा आसन की तरह मोड़ें और कोहनी को अपनी हिप्स की दिशा में रखें। सीधे देखें और सिर को ऊपर उठायें।

  • वापस शुरुवाती पोजीशन में आने के लिए पहले एड़ियों को एक दूसरे से अलग करें और फिर हाथो को सीधा करें।

टिप्स:

  • अगर आपको इस योगासन को करते समय अपने हिप्स को ऊपर उठाने में दिक्कत हो रही है तो आप अपने हाथो के नीचे ब्लॉक भी रख सकते हैं। ब्लॉक की मदद से इस योगासन को करना काफी आसान हो जाता है।

नोट :

  • अगर आपके कंधों या कलाइयों में किसी तरह की इंजरी हो तो इस योगासन को कभी न करें।
  • इसके अलावा अगर आपको कार्पेल टनल सिंड्रोम (carpel tunnel syndrome) हो तो भी इस योगासन को बिल्कुल न करें।

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अनुवादक: Anoop Singh

चित्र स्रोत: Shutterstock