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Side effects when you stop taking whey protein: अच्छी मस्कुलर बॉडी पाने के लिए शरीर को पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन चाहिए होता है। लेकिन देखा गया है कि समय की कमी और अच्छे डाइट ऑप्शन न होने की वजह से कई बार शरीर को मसल बिल्ड करने के लिए डाइट से पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिल पाता है। वैसे तो बहुत से ऐसे फूड्स मिल जाते हैं, जिनमें खूब मात्रा में प्रोटीन मिल जाता है, लेकिन कुछ ऐसे फूड्स में फैट भी होता है और प्रोटीन के साथ-साथ शरीर में फैट भी उतनी ही मात्रा में चला जाता है। यही कारण है कि मसल बिल्ड करने के लिए या फिर दुबले-पतले शरीर को तंदुरुस्त बनाने के लिए प्रोटीन पाउडर लेना बहुत जरूरी है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि प्रोटीन पाउडर लेना बंद करने के बाद आपका शरीर का आकार फिर से कम होने लगता है और धीरे-धीरे उसी आकार में आ जाता है, जिससे प्रोटीन पाउडर लेना शुरू किया था। इस बारे में एक्सपर्ट की राय होना बहुत जरूरी है। मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल दिल्ली शालीमार बाग में प्रिंसिपल कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट स्पेशलिस्ट डॉक्टर राजू ईश्वरन ने इस बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी। जिसके बारे में हम आपको इस लेख में बताने वाले हैं।
सबसे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि प्रोटीन पाउडर कितने प्रकार का होता है -
व्हे प्रोटीन हाइड्रोलाइज्ड (Whey protein Hydrolyzed) - यह व्हे प्रोटीन का सबसे शुद्ध प्रकार है, जिसमें लगभग 99 से 100 प्रतिशत तक प्रोटीन पाया जाता है।
व्हे प्रोटीन आइसोलेट (Whey protein isolate) - यह व्हे प्रोटीन का ऐसा प्रकार है, जिसमें फैट या लैक्टोज की मात्रा बिल्कुल नहीं होती है और इसमें प्रोटीन की मात्रा कम से कम 90 प्रतिशत होती है।
व्हे प्रोटीन कंसंट्रेट (Whey protein concentrate) - यह व्हे प्रोटीन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रकार है, जिसमें कुछ मात्रा में फैट और कार्बोहाइड्रेट्स भी पाया जाता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा लगभग 30 से 80 प्रतिशत होती है।
डॉक्टर राजू ईश्वरन के अनुसार मसल मास और प्रोटीन पाउडर के बीच मामूली संबंध है। मसल मास बनाने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है, लेकिन उसके लिए प्रोटीन पाउडर लेना जरूरी नहीं है। आजकल प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर बन रहे हैं, जो मसल मास बनाने में एनीमल बेस्ड प्रोटीन पाउडर की तरह ही प्रभावी हैं। साथ ही इनका सेवन बंद करने के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स भी बहुत कम हैं।
एक स्वस्थ व एक्टिव व्यक्ति को अपने वजन के हर किलो के अनुसार एक से डेढ़ ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। हालांकि, यदि व्यक्ति किसी प्रकार की एक्सरसाइज नहीं कर रहा है, तो उसे अनुपात 1 ग्राम से कम रखना चाहिए। उदाहरण के लिए जो लोग जिम जा रहे हैं, वे एक से डेढ़ ग्राम उनके वजन का प्रति किलो प्रोटीन ले सकते हैं। वहीं जो लोग सिर्फ वॉकिंग व साइकिलिंग आदि करते हैं, उन्हें कम प्रोटीन लेना चाहिए।
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