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वेट लॉस के ट्रेंडी तरीको में फैड डायट्स भी आजकल खूब चर्चा में हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि फैड डायट्स में वज़न बहुत ही कम समय में घटता है। इस तरह की डायट में लोग कुछ दिनों तक बहुत तरह की चीज़ें खाना पूरी तरह बंद कर देते हैं। लेकिन इसके चलते वजन कम हो या ना हो पर शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और मांसपेशियों को नुकसान भी पहुंचता है। इसके अलावा कब्ज़, कमज़ोरी, थकान, मतली और डिप्रेशन जैसी परेशानियां होने लगती हैं। इसके अलावा फैड डायट्स के दौराना एक्सरसाइज करने से भी मना कर दिया जाता है।
एटकिन्स डाइट जो एक प्रकार की फैड डाइट है, सेलेब्रिटीज़ में बहुत लोकप्रिय हो गई है। लेकिन यह तरीका हेल्दी नहीं है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेड को कम करने के लिए कहा जाता है। लेकिन हमारे शरीर के अंगों के सही तरह से काम करने के लिए कार्ब्स ज़रूरी हैं।
डायटिशन नेहा चंदना कहती हैं, ‘इन दिनों सभी पलक झपकते अपना वज़न कम करना चाहते हैं, उनके लिए फैड डाइट्स का ही सहारा होता है, लेकिन यह बहुत कम समय के लिए काम करती हैं। मांसपेशियों और हड्डियों से वज़न तो कम होता है मगर आप कमज़ोर और बीमार महसुस करने लगते हैं।एक बार जब आप अपने सामान्य दिनचर्या में लौट आते हैं तो वज़न फिर से बढ़ने लगता है। आप जब हिसाब करेंगे तो यह पायेंगे कि ऐसे डायट रेजिम से पौष्टिकता कम हो जाती है और शरीर पर इसका भयानक प्रभाव पड़ता है।’
ऐसी डायट जिसमें कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन, फैट और विटामिन जैसे पोषक तत्व संतुलित मात्रा में हो वही हेल्दी डायट मानी जाती है। वजन कम करने के लिए किसी खास चीज़ से परहेज करने की ज़रूरत नहीं, बस चीज़ों की मात्रा कम कर दें, यानि अगर आपको लगता है कि किसी चीज से आपका वजन बढ़ सकता है तो उसे कम मात्रा में खाएं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि आप जितनी कैलोरीज़ लेती हैं उसे बर्न भी करें, इस तरह वेट लॉस करने में आसानी होगी।