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भूख कम लगती हो या पेट की बढ़ती चर्बी से परेशान हैं, उत्तानपादासन करने से आपको लाभ मिल सकता है। इससे पहले कि आप इसका अभ्यास करना शुरू कर दें, पहले जानिए क्या है उत्तानपादासन और इसके लाभ।
क्या है उत्तानपादासन
योगाचार्य प्रिया शेखर का कहना है कि उत्तान का अर्थ होता है ऊपर उठा हुआ और पाद का अर्थ होता है पैर या पांव। इस आसन को करने के दौरान पीठ के बल लेटकर पांव को ऊपर उठाया जाता है, इसीलिए इसे यह नाम दिया गया है। उत्तानपादासन के अभ्यास से पेट की चर्बी कम होती है। बाहर निकला हुआ पेट अंदर होता है। शरीर के एब्स और मांसपेशियों को मजबूत करना चाहते हैं, तो इसे नियमित करें।
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और क्या-क्या होते हैं लाभ
1 इस आसन से सीना चौड़ा होता है, रीढ़ भी लचीली होती है।
2 भूख कम लगती है, तो इस समस्या से भी छुटकारा मिलता है। गर्दन तथा पीठ के दर्द भी दूर होते हैं।
3 पेट की चर्बी से परेशान हैं तो आपको उत्तानपादासन करनी चाहिए। उत्तानपादासन पेट की चर्बी को कम करने और पेट को अंदर करने में अहम भूमिका निभाता है।
4 नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
5 इससे पेट की मांसपेशियां सबल ही नहीं बनतीं, बल्कि इसके निर्माण में भी सहायक होता है। यह पेट दर्द, उदर वायु, अपच और अतिसार में भी लाभकारी होता है।
6 अपने पैरों को मजबूत एवं सबल बना सकते हैं। घुटने के लिए भी लाभकारी है।
7 शुरुआत में हो सकता है आपके कमर में दर्द महसूस हो, लेकिन बाद में यह कमर को मजबूत करते हुए कमर दर्द को कम करता है।
8 पाचन क्रिया मजबूत होती है। भोजन आसानी से पचता है। जिन लोगों को पेट गैस की शिकायत रहती है, उन्हें भी इसका अभ्यास नियमित करना चाहिए।
9 यह आसन कब्ज को हमेशा के लिए दूर कर सकता है।
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करने का सही तरीका
अधिक फायदा उठाना चाहते हैं, तो इसके सरल विधि को अपनाना होगा।
-जमीन पर बैठकर पैर आगे फैलाएं और तलवों को आगे की ओर तानें। फिर दो-चार गहरी सांस लेकर पीठ के बल लेट जाएं। पैरों की बीच दूरी न हो।
-हाथ शरीर के नजदीक ही रखें।
-सांस लेते हुए पांवों को मोड़े बिना ही धीरे-धीरे 30 डिग्री पर उठाएं।
-धीरे-धीरे सांस लें और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें और इसी मुद्रा में रहें।
-लम्बा सांस छोड़ते हुए दोनों पांव नीचे लाएं।
-यह चक्र हुआ, इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।
कौन ना करे
- कमर में दर्द या किसी तरह की कोई समस्या पहले से ही है, तो भूलकर भी इस आसन को न करें।
- पेट का ऑपरेशन हुआ हो, तो भी न करें
- साइटिका से पीड़ित होने पर इस आसन का अभ्यास न करें।
- प्रेगनेंट महिलाओं को भी यह आसन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
चित्रस्रोत: Shutterstock.