विटामिन डी की कमी की जब भी बात होती है तो सभी के मन में ये बात आती है कि वह धूप में नहीं निकलता होगा। काफी हद तक यह बात सही भी है। हाल ही में आये एक मेडिकल सर्वे में यह पाया गया कि भारतीय महिलाओं में विटामिन डी की कमी पायी जाती है। भारत में 74 प्रतिशत महिलाओं को विटामिन डी की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
मेडिकल रिपोर्ट में उत्तर भारत की हालत सबसे खराब दिखाई दे रही है। विटामिन डी हमारे हेल्थ के लिए सबसे जरूरी विडामिन माना जाता है। विटामिन डी की कमी की वजह से हड्डियों के रोग की संभावना बढ़ जाती है। आइए विटामिन डी की कमी के कारण और होने वाली मुख्य समस्याओं के बारे में जानते हैं।
होने वाली प्रमुख समस्याएं
विटामिन डी की कमी से हर कोई परेशान हो सकता है लेकिन भारत में घरेलू महिलाओं में इसकी समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। विटामिन डी की कमी के वजह से महिलाओं में डायबीटीज, जोड़ों में दर्द, पैरों में सूजन और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
क्या है मुख्य वजह
एक्सपर्ट के अनुसार विटामिन डी की कमी का मुख्य कारण होता है सूर्य की किरणों का शरीर से सीधा संपर्क न होना। भारतीय महिलाओं में यह समस्या सबसे अधिक इसलिए होती है क्योंकि उनका पहनावा ऐसा है की शरीर के कई अंगों में तो साल में एक दो बार भी धूप नहीं लगती है। धूप न लगना या धूप की रोशनी का शरीर के स्किन से न जुड़ना प्रमुख वजह होता है। वर्तमान दौर में यह बदलाव भी आया है कि घरेलू महिलाओं के अलावा कामकाजी महिलाओं में भी यह समस्या बढ़ रही है। इसका प्रमुख कारण कामकाजी महिलाओं का लाइफ स्टाइल पूरे दिन में सूर्य की रोशनी में आना ही नहीं होता है और शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है।
क्या है बचाव का तरीका
एक्सपर्ट हमेशा सुझाव देते हैं कि अगर आपको विटामिन डी की कमी से बचना है तो आपको सूर्य की रोशनी में आना होगा। अगर आप ऐसा सुबह कर पाते हैं तो वह सबसे अधिक लाभदायक है। सुबह या दिन में एक घंटे हल्की धूप में रहना शरीर के लिए लाभदायक है। जो लोग इसकी कमी की जद में हैं उनको विटामिन डी सप्लिमेंट दिया जाता है। सूर्य के अलाव विटामिन डी अंडे के पीले हिस्से, मशरूम, कुछ हरी सब्जियों में पाया जाता है।
चित्रस्रोत: Shutterstock.
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