Sedentary Lifestyle and Cancer Risk: सुस्त लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटीज़ की कमी हमारी सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार निष्क्रिय लाइफस्टाइल से टाइप 2 डायबिटीज़, ओबेसिटी (मोटापा), कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां, हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी परेशानियों और बीमारियों का ख़तरा बहुत अधिक बहुत अधिक बढ़ जाता है। लेकिन, एक हालिया स्टडी में कहा गया है कि लगातार बैठे रहने और सुस्त लाइफस्टाइल से कैंसर का रिस्क बढ़ता है और इससे समय से पहले मृत्यु की संभावना भी अधिक हो जाती है। (Sedentary Lifestyle and Cancer Risk in hindi)
इस स्टडी का शीर्षक है, रिगार्ड्स (REGARDS, or REasons for Geographic and Racial Differences in Stroke), जिसके अनुसार हमेशा बैठे रहने वाले और बिल्कुल एक्सरसाइज़ ना करने वाले लोगों में एक्टिव लाइफस्टाइल वाले लोगों की तुलना में कैंसर और अर्ली डेथ का खतरा 82 फीसदी अधिक होता है। इसमें, सभी उम्र, लिंग और मौजूदा हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए भी आंकलन किए गए। जिसमें, सभी के लिए खतरा अधिक ही पाया गया।
लेकिन, राहत भरी बात यह है कि, हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ेस और यहां तक कि घर के छोटे मोटे काम करने से भी आपके लिए इस समस्या से राहत मिल सकती है। जैसा कि लॉकडाउन के दौरान घर में बंद रहने के कारण, लोगों के लिए मॉर्निग वॉक पर जाना मुश्किल है। ऐसे में लोगों की लाइफस्टाइल पहले से ज़्यादा सुस्त हो जाती है। जर्नल जेएएमए ऑन्कोलॉजी (JAMA Oncology) में छपी इस स्टडी में कहा गया कि, सुस्त लाइफस्टाइल की वजह से हुए डैमेज़ को एक्टिव बनकर धीरे-धीरे कम किया जा सकता है। इस स्टडी के मुताबिक केवल 30 मिनट का शारीरिक श्रम भी 31 फीसदी खतरा कम कर सकता है।
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