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Sandhi Mudra : जोड़ों के दर्द को दूर करती है संधि मुद्रा, आजमा कर देखें

Sandhi Mudra : जोड़ों के दर्द को दूर करती है संधि मुद्रा, आजमा कर देखें
जोड़ों के दर्द को दूर करती है संधि मुद्रा, आजमा कर देखें। © Shutterstock

जोड़ों के दर्द से आपका हाल बेहाल रहता है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है, आप प्रतिदिन 15-15 मिनट संधि मुद्रा (Sandhi Mudra benefits) करें, इससे आपको जरूर लाभ होगा।

Written by Anshumala |Updated : November 16, 2019 6:59 PM IST

जोड़ों के दर्द (Joint pain) और अर्थराइटिस (Arthritis) से परेशान हैं, तो संधि मुद्रा (Sandhi Mudra) करने से लाभ होगा। योगाचार्य डॉ. रमेश पुरी कहते हैं कि संधि का मतलब होता है एक से अधिक का योग है। ऐसे में दाएं हाथ में पृथ्वी मुद्रा और बाएं हाथ में आकाश मुद्रा लगानी होती है। तभी दोनों संयुक्त रूप से संधि मुद्रा (Sandhi Mudra) कहलाती है। हालांकि, किसी भी योग, आसन और मुद्रा लगाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

  • जब अंगूठे को अनामिका (ring finger) से मिलाते हैं तो पृथ्वी मुद्रा बनती है।
  • अंगूठे को मध्यमा (middle finger) से मिलाने से आकाश मुद्रा बनती है।

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जोड़ों के दर्द में करें संधि मुद्रा

जोड़ों का दर्द किसी प्रकार की चोट, जोड़ पर ज्यादा दबाव पड़ने, ज्यादा प्रोटीनयुक्त पदार्थों के सेवन या आर्थराइटिस के कारण हो सकती है। यह खराब जीवनशैली से उपजा रोग है। यह समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है। जिनका वजन अधिक होता है, उनमें जोड़ों में दर्द होने की संभावना अधिक होती है। शरीर में जहां कहीं भी जोड़ों में दर्द हो, तो संधि मुद्रा करने से लाभ होगा। एक ही स्थिति में लगातार बैठे रहने या सारा दिन खड़े रहने से कलाइयों, टखने, कंधे आदि में होने वाले दर्द में भी नियमित अभ्यास से यह मुद्रा लाभ देती है। दाएं हाथ के अंगूठे के अग्रभाग को अनामिका के अग्रभाग से मिलाएं। बाएं हाथ के अंगूठे के अग्रभाग को मध्यमा के अग्रभाग से मिलाएं। इसे प्रतिदिन 15 मिनट तक चार बार करें।

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अर्थराइटिस में भी लाभदायक

अर्थराइटिस के रोगियों को आसन से बचना चाहिए। वे केवल सूक्ष्म व्यायाम कर सकते हैं। ऐसे रोगियों को घुटने के चारों ओर सरसों तेल की मालिश करनी चाहिए, लेकिन घुटने के ऊपर नहीं। अर्थराइटिस में संधि मुद्रा बहुत उपयोगी है। इसके लिए, दाएं हाथ के अंगूठे और अनामिका के शीर्ष को मिलाएं और बाएं हाथ के अंगूठे और मध्यमा के शीर्ष को मिलाएं। शेष उंगलियां सीधी रखें। इसे 15-15 मिनट चार बार करें। लाभ होगा।