मंदिर में प्रवेश करनेवाला हर व्यक्ति एक सकारात्मक विचार के साथ मंदिर आता है जिससे वहां एक सकारात्मकता माहौल पैदा होता है। यह हमारे मन को शांत करता है और हमारा मन मंदिर में मौजूद सकारात्मक कंपन या वायब्रेशन और ऊर्जा को अधिक से अधिक मात्रा में अवशोषित करने में मदद कर सकता है। हम मनुष्यों को 5 इंद्रियां मिली हैं और मंदिर में किए जानेवाले प्रत्येक कार्य जैसे- घंटी बजाने कपूर जलाने फूल चढ़ाने तिलक लगाने और मंदिर की प्रदक्षिणा करने से हमारी इन सभी इंद्रियों को सक्रिय करना। एक बार इन सभी इंद्रियों के सक्रिय हो जाने के