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अनुवादक: Anoop Singh
जब आप ऑफिस में घंटों एक ही जगह पर बैठ कर काम करते हैं तो आपकी पीठ में दर्द होना लाजमी है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि आखिर ये दर्द क्यों होता है? इसका सही जवाब है कि अधिकतर मामलों में पीठ दर्द का कारण आपकी चेयर होती है। मुंबई स्थित रिवाइवल बोन एंड जॉइंट हॉस्पिटल के कंसलटेंट फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. जाह्नवी आचार्य बताती हैं कि जब आप ऑफिस में काम करते हैं तो सबसे ज्यादा समय आप अपनी चेयर पर ही बिताते हैं। ऐसे में चेयर का सही होना बहुत ज़रूरी होता है नहीं तो पीठ दर्द के अलावा भी आपको कई तरह की समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए आजकल आपने देखा होगा कि अधिकतर ऑफिस में साधारण चेयर के बजाय एर्गोनोमिक चेयर (Ergonomic chair) का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह खासतौर पर ऑफिस में काम करने वाले लोगों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन की गयी है। आइये जानते हैं ऐसी चेयर का इस्तेमाल करने से और क्या फायदे हैं:
सही तरीके से बैठना: इस चेयर की डिजाईन ही ऐसी की जाती है जिससे आपके बैठने का पोजीशन बिलकुल सही रहता है। इसमें बैठने पर न पीठ पर ज्यादा दवाब पड़ता है ना ही गर्दन पर। वहीँ इसमें सिर को टिकाने के लिए अलग से डिजाईन होता है। इसे आप अपनी हाइट के से ऊपर नीचे भी एडजस्ट कर सकते हैं जिससे आपके पाँव पूरी तरह जमीन पर रहें। पढ़ें: इन योगासनों को ऑफिस में करके दूर करें पीठ और कंधे का दर्द
आरामदायक: ये कुर्सियां सामान्य कुर्सियों की तुलना में बहुत ज्यादा आरामदायक होती हैं। इसमें ऐसे कई फीचर दिए होते हैं जिनसे आप इसे बिलकुल अपने शरीर की मोटाई और लम्बाई के हिसाब से एडजस्ट कर सकते हैं।
गर्दन को आराम: सामान्य चेयर में आपकी गर्दन के लिए कोई सपोर्ट नहीं होता है जिस कारण काफी देर तक गर्दन सीधी रखने पर उसमें जकड़न हो जाती है और दर्द होने लगता है। लेकिन एर्गोनोमिक चेयर में आपके सिर और गर्दन के लिए सपोर्ट दिया होता है जिससे आपको इस तरह की कोई समस्या नहीं होती है। जो लोग ऑफिस में फोन पर बहुत ज्यादा देर तक बाते करते हैं उनके लिए ये फीचर सबसे उपयुक्त है।
बैक पेन में आराम: इन कुर्सियों में आपके पूरी पीठ को भरपूर सपोर्ट मिलता है। इसकी डिजाइन ही रीढ़ की हड्डी के हिसाब से की गयी है जिस कारण लम्बे समय तक बैठने के बावजूद भी पीठ दर्द नहीं होता है।
हिप्स पर कम प्रेशर: सामान्य चेयर का बैठने वाला हिस्सा इतना कठोर होता है कि जब आप इस पर देर तक बैठते हैं तो आपके हिप्स पर अतिरिक्त दवाब पड़ने लगता है। जबकि एर्गोनोमिक चेयर के सीट की मोटाई दो से चार इंच तक होती है जिससे आपके हिप्स पूरी तरह इसमें एडजस्ट हो जाते हैं और उनपर ज्यादा दवाब भी नहीं पड़ता है।
काम करने में आसानी: इन कुर्सियों को खासतौर पर ऑफिस में काम करने वाले लोगों के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें सारे फीचर इस हिसाब से दिए गये हैं जिससे आपको काम करने में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो।
डॉ जाह्नवी बताती हैं कि लोगों को यह भी समझना चाहिये कि सिर्फ चेयर बदल देने से ही सारी समस्याएं नहीं ख़त्म हो सकती है बल्कि आपको अपने बैठने और रहन सहन का सलीका भी बदलना होगा। अगर आप इन एर्गोनोमिक चेयर पर भी बिलकुल गलत तरीके से पीठ को मोड़कर या कंधे झुकाकर बैठेंगे तो जाहिर है आपकी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
चित्र स्रोत: Shutterstock