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Home / Hindi / Diet / जानें क्यों खाने-पीने की चीज़ें हमेशा कांच या स्टील के बर्तनों में ही रखनी चाहिए!

जानें क्यों खाने-पीने की चीज़ें हमेशा कांच या स्टील के बर्तनों में ही रखनी चाहिए!

क्या आप जैम या च्यवनप्राश के खाली डिब्बों को अपने किचन में इस्तेमाल करती हैं।

By: Editorial Team   | | Published: January 18, 2018 5:27 pm
Tags: Health hazards  Plastic  Tin  Toxicity  

हम भारतीयों को अपनी ज़िंदगी में हरेक क्षेत्र में ‘जुगाड़’ कर लेने वाले रवैये के लिए जाना जाता है। यह एक शब्द है जिसका अर्थ है कि हमारे पास जो भी चीज भी है उसीसे काम चलाना। प्याज को काटने के लिए रसोई में हेल्मेट का इस्तेमाल करना और धूप न होने पर टेबल फैन से कपड़े सुखाना शायद दुनिया भर के लोगों को चौंका दें लेकिन हम ऐसा करते हैं। हालांकि ज़्यादातक जुगाड़ हमारे लिए मददगार ही होते हैं, लेकिन हम कुछ चीज़ों के मामले में अंनाज होते हैं कि वह हमारी सेहत के लिए कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं। सवाल यह है कि खाने-पीने की चीज़ों को रखने के लिए क्या खाली प्लास्टिक और टिन कंटेनरों का इस्तेमाल करना चाहिए? जैसे हम मिनरल वॉटर और कोल्ड्रिंक की खाली बोतलों में पानी रखते हैं, बिस्किट-जैम के प्लास्टिक के डिब्बे खाली होने के बाद हम उनमें मसाले और चाय की पत्ती रखते हैं। यह आर्टिकल पढ़ें और जानें कि हमारी यह आदतें कैसे हमारी सेहत पर असर डालती हैं। Also Read - Single use Plastic और पानी बचाने के लिए सब करें मदद, उप राष्ट्रपति की सलाह

Also Read - प्लास्टिक का कम इस्तेमाल और रिसाइकिल करने के लिए अजय देवगन ने किया लोगों से आग्रह



प्लास्टिक कंटेनरों का दोबारा इस्तेमाल करना Also Read - आपकी ये 'अच्‍छी' आदतें पहुंचा सकती हैं आपकी सेहत को नुकसान

अधिकांश प्लास्टिक के कंटेनर जिनमें उत्पाद बेचे जाते हैं, वो नंबर 1 कैटेगरी के प्लास्टिक के हैं। इस कैटेगरी के प्लास्टिक को पॉलिथिलीन टेरेथथेट (Polyethylene Terephthalate) या पीईटी कहा जाता है। यह अपने पारदर्शी और स्पष्ट बनावट के लिए जाने जाते हैं। वैसे तो इन डिब्बों को अच्छी तरह से साफ करने के बाद दोबारा इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन हाल की रिपोर्ट्स में यह बताया गया है कि पीईटी आपके भोजन में ऐन्टमोनी या सुरमा और केमिकल्स रिलीज़ करती हैं जो एंडोक्राइन को नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्लास्टिक के अन्य ग्रेड या # 7 में खतरनाक बीपीए भी शामिल हो सकते हैं जो हार्मोन को गड़बड़ाने और कैंसर से जोड़कर देखा जाता है।

मेटल के डिब्बे का दोबारा इस्तेमाल करना चाहिए

डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों को पैकिंग के लिए आमतौर पर टिन के डिब्बे का उपयोग किया जाता है। काफी पहले, सूखे मेवे यानि ड्राईफ्रूट्स भी टिन के डिब्बों में मिलते थे। आमतौर पर माना जाता है कि टिन के डिब्बों में खाने-पीने की चीज़ें रखना सुरक्षित है। चूंकि टिन में मौजूद नमक बहुत कम मात्रा में अवशोषित होते हैं (केवल 5 प्रतिशत) और मानव शरीर से तेज़ी से निकल भी जाते हैं, इसीलिए इनसे कम नुकसान की बात कही जाती है। हालांकि, टिन में मौजूद कुछ नमक किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।2 आज, एनेमल की कोटिंग या आवरण वाले और घुमावदार ढक्कन के साथ टिन के डिब्बे तैयार किया जाता हैं। लेकिन, कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि टिन के अंदर की परत में बीपीए(BPA) मौजूद हो सकते हैं।3 लेकिन अभी भी यही सलाह दी जाती है कि आप खट्टी या एसिडिक चीज़ों को टिन के डिब्बे में ना रखें ताकि केमिकल्स को रीलीज होने से रोका जा सके।

इसके बजाय क्या इस्तेमाल किया जाना चाहिए?

किसी भी गैर-प्रतिक्रियाशील धातुओं से बने डिब्बों में खाने-पीने की चीज़ें रखना अच्छा हो सकता है। कांच, सिरेमिक और स्टेनलेस स्टील बर्तन सुरक्षित विकल्प हैं क्योंकि आप खाद्य पदार्थों में घुलनेवाले रसायनों के डर के बिना गर्म या ठंडे खाद्य पदार्थों को इसमें रख सकते हैं।

Read this in English.

अनुवादक: Sadhna Tiwari

चित्र स्रोत: Shutterstock.

संदर्भ:

  1. Sax, L. (2010). Polyethylene Terephthalate May Yield Endocrine Disruptors. Environmental Health Perspectives, 118(4), 445–448. http://doi.org/10.1289/ehp.0901253
  2. Winship, K. A. (1988). Toxicity of tin and its compounds. Adverse drug reactions and acute poisoning reviews, 7(1), 19-38.
  3. Hartle, J. C., Navas-Acien, A., & Lawrence, R. S. (2016). The consumption of canned food and beverages and urinary bisphenol A concentrations in NHANES 2003–2008. Environmental research, 150, 375-382.

Published : January 18, 2018 5:27 pm
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