मेनोपॉज ( Weight loss after menopause) के बाद महिलाओं के शरीर में बहुत से बदलाव आते हैं। इसमें जहां मूड स्विंग और तनाव जैसी समस्याएं देखने में आती हैं, वहीं कुछ महिलाओं का वजन अचानक बहुत बढ़ने लगता है। ऐसे में कई महिलाएं यह सवाल करती हैं कि क्या मेनोपॉज के बाद उनके लिए अपना सही वजन मेंटेन ( Weight loss after menopause) रख पाना मुश्किल होगा। आइए जानते हैं मेनोपॉज, उससे जुड़ी स्थिति और वजन घटाने के सही तरीके के बारे में।
अमूमन 40 वर्ष की उम्र या उसके बाद महिलाओं में माहवारी आना बंद हो जाती है। इस स्थिति को मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव आते हैं जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। इस उम्र से पहले होने वाले मेनोपॉज को अर्ली मेनोपॉज कहा जाता है। शहरी महिलाओं में तनाव के कारण यह स्थिति भी देखने में आ रही है।
मेनोपॉज के दौरान अंडे का उत्पादन होना बंद हो जाता है और इस वजह से भी कई मानसिक और शारीरिक समस्या हो जाती है। मेनोपॉज के बाद कई महिलाओं का वजन अनियमित रूप से बढ़ने लगता है और इसके कारण भी उन्हें कई स्वास्थ्य समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है। इस दौरान बढ़ते वजन को रोकने के कई उपाय होते हैं।
हेल्दी रूटीन को फॉलो कर आप मेनोपॉज संबंधी कई समस्याओं से बची रह सकती हैं। मेनोपॉज दो तरह से काम करता है। कुछ महिलाओं का वजन एकदम से घटने लगता है जबकि कुछ का वजन बढ़ जाता है। यह दोनों ही लाइफ स्टाइल के कारण होता है। अलग-अलग तरह के तनाव और बीमारियों के कारण कई बार महिलाएं अपने लाइफ स्टाइल पर ध्यान नहीं दे पातीं। इसलिए भी उनका वजन बढ़ने लगता है।
किसी भी तरह का वर्कआउट, फिर चाहें वह रनिंग हो, जॉगिंग, एक्सरसाइज, योगा या फिर साइकलिंग यह आपको वजन नियंत्रित करने में मदद करेगा। मेनोपॉज के बाद एक्सरसाइज करना या शारीरिक गतिविधि को बनाएं रखना आवश्यक होता है। इससे शरीर में मौजूद एक्सट्रा फैट भी बर्न हो जाते हैं और आपका वजन कंट्रोल रहता है।
हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट न केवल आपके वेट को कंट्रोल करती है, बल्कि आपको कई और बीमारियों से भी बचाए रखती है। स्वस्थ आहार का सेवन करना आवश्यक होता है खासकर मेनोपॉज के बाद। मेनोपॉज के बाद वजन बढ़ने का खतरा अधिक रहता है, इसलिए कभी भी अधिक तैलीय खाद्य पदार्थो का सेवन ना करें और कोशिश करें की फाइबर युक्त आहारों का ही सेवन करें और लो-कैलोरी वाले खाद्य पदार्थो का सेवन करें।
असल में महिलाओं के लिए यही वह उम्र होती है जब उन पर परिवार और कॅरियर दोनों की जिम्मेदारियां बढ़ चुकी होती हैं। ऐसे में कई बार क्षमता से अधिक कार्य करने के कारण वे खुद पर ध्यान नहीं दे पाती। बहुत सी महिलाएं इस दौरान पांच घंटे की भी डीप स्लीप नहीं ले पातीं। जबकि वजन को नियंत्रित रखने के लिए आपको हेल्दी स्लीप लेना बहुत जरूरी है।
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