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जपाकुसुम, जवाकुसुम या गुड़हल, इस चटक लाल रंग को इसकी सुंदरता के अलावा अपने चिकित्सिय फायदों के लिए भी जाना जाता है। यह फूल डायबिटीज़ या पेशाब से जुड़ी कई बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करता है। यह असमय हेयरफॉल जैसी समस्याओं को कम करने और बुखार के लक्षणों से भी राहत दिलाने में मदद करता है। बुखार होने पर गुड़हल के फूलों को पानी में उबालकर या इसकी चाय बनाकर पीने से बुखार में मरीज को राहत मिलती है और दर्द भी कम हो जाता है।
आयुर्वेद में जवाकुसुम के बारे में लिखा गया है कि इसमें बुखार रोकने वाले गुण हैं जो बुखार के दौरान शरीर के तापमान और दर्द को कम करते हैं। इसके अलावा इस फूल में एंटीवायरल और एंटी-एनाल्जेसिक गुण भी होते हैं।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ रिसर्च इन फार्मास्युटिकल एंड बायोमेडिकल साइंस में छपी एक रिसर्च के मुताबिक गुडहल के फूल को बुखार में शीतल पेय की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके लिए कुछ फूलों को थोड़ी देर के लिए पानी में रख दें। बुखार के दौरान इस पानी को थोड़ी-थोड़ी देर बाद पीते रहें।
बुखार में भूख ना लगना आम बात है। इस फूल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे चाय में मिलाकर पीने से भूख बढ़ती है। चाय बनाते समय फूल को चाय के पानी में डाल दें। इसके बाद उस चाय को दिन में कई बार पिएं। इससे रोगी की भूख बढ़ेगी और दवाइयों का असर भी जल्दा होगा।
चित्रस्रोत:Shutterstock.