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अगर आपका वज़न बढ़ रहा है तो इन 2 बातों को न करें नजरअंदाज

अगर आपका वज़न बढ़ रहा है तो इन 2 बातों को न करें नजरअंदाज
वजन घटवा - जर्नल ऑफ अमेरिकन अ‍ॅकॅडमी ऑफ ऑर्थोपेडीक सर्जनच्या मते, वजन आटोक्यात ठेवल्यास सांधेदुखीचा त्रास कमी होतो. लठठपणामुळे शरीरात बायोकेमिकल बदल होतात. परिणामी वेदना वाढतात.

क्या आप मोटे होने के बावजूद विटामिन लेते हैं?

Written by Mousumi Dutta |Updated : January 5, 2017 12:13 PM IST

आजकल वज़न का बढ़ना एक आम समस्या बन गई है। वज़न घटाने के लिए लोग तरह-तरह के तरीकें अपनाते रहते हैं, जैसे-क्रैश डायट, डाइटिंग, एक्सरसाइज़, योग और जिम जाकर वर्कआउट आदि। लेकिन इन सबको करते हुए लोग ये भूल जाते हैं कि कभी-कभी छोटी-छोटी बातें बहुत असरदार रूप से काम करती है। हाल के एक अनुसंधान से ये पता चला है कि दिन में कम से कम छह घंटे खड़े रहने से मोटे होने और बढ़ने की संभावना 32 फीसदी घट सकती है। जर्नल मायो क्लीनिक में प्रकाशित एक शोध में यह दावा किया गया है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के केरेम शुवल की अगुवाई में एक शोध टीम ने 2010 से 2015 के बीच 7,000 से अधिक वयस्कों पर मोटापे और मेटाबॉलिज़्म के खतरे और खड़े रहने की आदत के बीच संबंध का अध्ययन किया। पढ़े-  वज़न घटाने के लिए ट्राई करें काली मिर्च!

शोध के मुताबिक, पुरुषों में दिन के एक चौथाई समय यानी छह घंटे खड़े रहने का संबंध मोटापा होने की संभावना में 32 प्रतिशत कमी के रूप में देखा गया। आधे समय खड़े रहने से मोटापे होने की संभावना में 59 प्रतिशत की कमी पायी गई। लेकिन तीन चौथाई से ज्यादा समय खड़े रहने का मोटापे के खतरे में अधिक कमी से कोई संबंध नहीं पाया गया। महिलाओं में दिन के चौथाई, आधे या तीन-चौथाई समय तक खड़े रहने का संबंध पेट के मोटापे की संभावना में क्रमश: 35 , 47 और 57 प्रतिशत कमी के रूप में देखा गया। मोटापे और खड़े रहने के समय के बीच संबंध का आकलन तीन तरीकों- बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई), शरीर में वसा के प्रतिशत और कमर के घेर के आधार पर किया गया। इन बातों से ये पता चलता है कि दिन भर बैठकर काम करने वालों को वज़न बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए दिन में कम-से-कम छह घंटे खड़े रहने का मतलब शरीर को सक्रिय रखने की बात कही गई है। कितना भी आप एक्सरसाइज़ करें या डाइटिंग बॉडी को एक्टिव रखना बहुत ज़रूरी होता है। पढ़े-  दफ्तर में काम करने के दौरान वज़न घटाने का तरीका

वज़न बढ़ने से रोकने के लिए जितना बॉडी को एक्टिव रखना ज़रूरी होता है उतना ही मोटे लोगों के लिए स्वस्थ रहना भी ज़रूरी होता है। मोटा होने के मतलब ये नहीं होता है कि आपके शरीर में सभी तरह की पौष्टकताएं मौजूद है। आम तौर पर लोग सोचते हैं कि मोटे लोगों को विटामिन की क्या ज़रूरत है? लेकिन हाल के एक अनुसंधान से ये पता चला है कि मोटे लोगों को हेल्दी रहने के लिए विटामिन ई नियमित रूप से लेना चाहिए। आप लोगों को ये जानकर आश्चर्य लगेगा कि मोटापे से ग्रस्त लोगों को अधिक विटामिन-ई लेने की जरूरत है, क्योंकि नए शोध से पता चला है कि उन्हें सामान्य स्तर से अधिक विटामिन लेना आवश्यक है। नए शोध के मुताबिक, वजन बढ़ना और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ना जैसी अन्य समस्याएं विटामिन-ई के प्रभाव को कम कर देती है।

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अगर आप मोटे हैं तो आप अपने डायट में बादाम जैसे सूखे मेवों, बीजों, और जैतून के तेल जैसे कुछ खाद्य पदार्थों को शामिल करे। क्योंकि इनमें विटामिन ई मात्रा प्रचुर होती है। अध्ययन में सामने आया है कि विटामिन ई की कमी से हृदय रोग, मधुमेह, अल्जाइमर रोग और कैंसर सहित उपापचयी सिंड्रोम जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

इस अध्ययन के निष्कर्ष पर शोधकर्ताओं ने कहा कि विटामिन ई वसा में घुलने वाला पोषण है और सैद्धांतिक रूप से इसे उन लोगों में उच्चस्तर पर होनी चाहिए, जिनका वजन अधिक है और अधिक मात्रा में वसायुक्त भोजन लेते हैं। हालांकि शोध में पता चला है कि विटामिन ई उच्च स्तर पर घुलनशील है। मोटापे से ग्रस्त लोगों में इन महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पाई जाती है, जहां इसकी ज्यादा जरूरत होती है। अमेरिका के ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी से संबद्ध एक शोधकर्ता मारेट ट्रेबर ने कहा, ‘विटामिन ई लिपिड के साथ जुड़ा हुआ होता है या वसा रक्त में पाया जाता है, लेकिन यह ज्यादातर एक सूक्ष्म पोषक हैं’।

इसलिए अगर आप अपने वेट को हेल्दी तरीके से कंट्रोल करना चाहते हैं और खुद को हेल्दी रखना चाहते हैं तो इन बातों पर ज़रूर ध्यान दें।

मूल स्रोत - IANS HINDI

चित्र स्रोत - Shutterstock


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