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अगर आपका वज़न ज्यादा है, तो आप उसे कम करने के लिए क्या करेंगे? ज़ाहिर है आपके दिमाग में सबसे पहले एक्सरसाइज़ की बात आएगी। ट्रेडमिल पर देर तक दौड़ना, वेट लिफ्टिंग करना, जिम में हेवी-मशीनों पर तरह-तरह की एक्सरसाइज़ करना। लेकिन अगर आप व्हीलचेयर पर हों और चलना-फिरना आपके लिए मुमकिन ही न हो, तो आप अपना वज़न कैसे घटाएंगे? आपको भले ही इसका सवाल जवाब सोचने में कुछ वक्त लगे या फिर शायद आप सोच ही न पाएं, लेकिन विराली मोदी ने इस मुश्किल सी लगने वाली बात को सच कर दिखाया।
ये कहानी है 23 साल की मॉडल, एक्ट्रेस और मोटिवेशनल स्पीकर विराली की। विराली ने पिछले तीन सालों में 20 किलो वज़न घटाया है। और ये सब उन्होंने व्हीलचेयर पर निर्भर होने के बावजूद किया है। दरअसल, साल 2006 में विराली को स्पाइनल कॉर्ड में चोट लग गई थी, जिसकी वजह से वो व्हीलचेयर पर आ गई। उन्हें मलेरिया हो गया और उसकी वजह से उनका गले से नीचे का पूरा शरीर पैरालाइज़्ड हो गया। उसके बाद कई तरह के ट्रीटमेंट और थैरेपी से उन्हें गुज़रना पड़ा, जिसकी मदद से उन्होंने अपनी गतिविधियों पर नियंत्रण करना सीख लिया। आज भले ही वो बिना व्हीलचेयर के चल-फिर नहीं सकती लेकिन उन्होंने अपनी ज़िंदगी पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है।
दो साल पहले जब विराली ने महसूस किया कि अपनी स्पाइनल कॉड की चोट के लिए वो जो स्टीरॉइड्स ले रही हैं, उनकी वजह से उनका वज़न काफी बढ़ गया है, उन्होंने वज़न कम करने की ठान ली। उस वक्त उनका वज़न 75 किलो तक पहुंच गया था, जिसे जल्द से जल्द कम करने की ज़रूरत थी। इसके लिए उन्होंने निम्न कोशिशें की।
फिटनेस फार्मूला
विराली ने बताया कि उनके लिए वज़न कम करना तुलनात्मक रूप से आसान था क्योंकि उनके शरीर में ज्यादातर पानी का वज़न था। जब आप व्हीलचेयर पर होते हो और हाथ व पैर हिलाने की क्षमता कम बोती है तो आपके पास सीमित विकल्प होते हैं। लेकिन इस बात ने विराली को नहीं रोका। उन्होंने हेल्दी डाइट ली, ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ व योग का अभ्यास किया और पहले तीन से चार महीनों में 10-15 किलो वज़न घटा लिया। हर रोज़ तीन घंटे के लिए वो फिज़ियोथेरिपी का सहारा भी लेती थी। उनकी थेरेपी में मसल्स टोन करने के लिए लाइट वेट लिफ्टिंग भी शामिल थी।
ख़ास डाइट
विराली को भी हममें से ज्यादातर लोगों की तरह फास्ट फूड का बहुत शौक है, ख़ासतौर पर पिज़्जा। लेकिन, अगर आप अपने खानपान पर कंट्रोल नहीं करेंगे तो आप वज़न कम नहीं कर पाएंगे। वो दिन में हर चार घंटे में कुछ खाती थीं, जिसमें वाइट कार्बोहाइड्रेट शामिल नहीं होता था। विराली ने अपनी डाइट से कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च और आर्टिफिशियल शुगर को पूरी तरह से दूर कर दिया।
विराली के दिन की शुरूआत गुनगुने पानी, नींबू-शहद से होती थी। एक घंटे बाद वो बिना चीनी या नमक का लौकी का जूस पीती थी। ब्रेकफास्ट में ड्राईफ्रूट्स। दो तीन बादाम, अखरोट, काजू और खजूर उनकी प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा कर देता था। फिर लंच में उबली सब्जियां और दाल। शाम को वो केला और दूसरे फल लेती थीं। डिनर में एक बाउल सूप और ताज़ी सलाद। और रात में सोने से पहले एक ग्लास दूध। (इसे भी पढ़ें, राजमा से करें वज़न कम और डायबिटीज़ कंट्रोल, जानिये इसके सभी 5 फायदे)
मुश्किल था, पर नामुमकिन नहीं!
विराली का वज़न बढ़ता-घटता रहता था, और वो व्हीलचेयर पर थीं। फिर भी वो लगातार एक्सरसाइज़ करती रहीं। हां, वज़न कम कर लेने के बाद उन्होंने स्ट्रिक्ट डाइट छोड़ दी, सिर्फ चावल और मैदे से बनी चीज़ों का परहेज़ जारी रखा। ऐसा अक्सर होता है कि डायटिंग के दौरान एक जैसा खाना खाने से इंसान बोर हो जाता है। विराली ने अपने आपको इससे भी बचा लिया। वो हफ्ते में एक बार अपनी पसंद की चीज़ खा लेती थी। जैसे कि पिज़्जा। लेकिन वो ध्यान रखती थीं कि पिज़्ज़ा सिर्फ इक स्लाइज़ खाएं। उन्होंने कहा, हेल्दी रहने के लिए आत्म-नियंत्रण और दृढ़निश्चय की बहुत जरूरत होती है। अब, वो हर तीन घंटे में कुछ खाती हैं, डेयरी उत्पादों को छोड़कर वो सभी कुछ खाती हैं।
आत्मविश्वास और परिवार का साथ
काफी वज़न घटा लेने के बाद साल 2014 में विराली मोदी ने मिस व्हीलचेयर इंडिया कॉन्टेस्ट में हिस्सा लिया। हालांकि वो रनर-अप रहीं, लेकिन ज़िंदगी के लिए उनके सकारात्मक रवैये ने सबका दिल जीत लिया। आज वो एक एक्ट्रेस और मॉडल हैं। साथ ही अपनी ही तरह दूसरे लोगों को मोटिवेट करती हैं। इतने लंबे संघर्ष में विराली को लगातार अपने परिवार का साथ मिला। खर्चीली ट्रीटमेंट से लेकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तक के लिए, वो पेरेंट्स की शुक्रगुज़ार हैं।
मूल स्रोत – Miss Wheelchair India’s weight loss story is truly inspirational
अनुवादक – Shabnam Khan
चित्र स्रोत – Virali Modi
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