सनातन और हिंदू धर्म में नमस्कार करना एक महत्वपूर्ण परम्परा मानी जाती है। यह अभिवादन का भारतीय तरीका है ठीक वैसे ही जैसे लोग किसी से मिसने पर सलाम या शेकहैंड करना करते हैं। किसी बड़े या आदरणीय व्यक्ति से मिलने पर हम अपने दोनों हाथ जोड़कर नमस्कार या नमस्ते कहते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इस तरह से नमस्कार ने इस बारे में सोचा है कि आखिर हम नमस्ते ही क्यों बोलते हैं और पीछे क्या कारण है? नमस्ते संस्कृत के दो शब्दों ‘नमस’ और ‘ते’ से मिलकर बना है। नमस का अर्थ होता है झुकना और