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अनुवादक: Anoop Singh
धना दाल, आमतौर पर माउथ फ्रेशनर के रूप में इस्तेमाल की जाती है। यह दाल धनिये के बीजों को नमक के साथ भूनकर तैयार की जाती है। हम सभी जानते हैं कि धनिये के बीजों में एंटी-बैक्टीरियल,एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी क्षमतायें होती हैं इसीलिए इनसे तैयार धना दाल से भी हमें बहुत ज्यादा फायदा मिलता है। आइये जानते हैं यह दाल हमारे स्वास्थ्य के लिये कितनी फायदेमंद है।
पाचन में सहायक : अगर आप अपने पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो धना दाल को अपनी डायट में ज़रूर शामिल करें। इंडियन जर्नल ऑफ़ फार्माकोलॉजी में प्रकाशित एक शोध के अनुसार,धनिये के बीजों में पाये जाने वाले लिनालोल(linalool) और बोर्नोल(borneol) नामक यौगिक आपके पाचन को बेहतर करने में मदद करते हैं। ये पाचन की प्रकिया में मददगार पाचक रस और एंजाइम के स्त्राव को बेहतर कर देते हैं। यह डायरिया से बचाने में भी मददगार है।
सांसो की बदबू दूर करने में सहायक : दि जर्नल ऑफ़ ओरल डिसीज़ में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, धनिये के बीजों में पाया जाने वाला एक यौगिक सिट्रोनेलोल(Citronellol) सांसों की बदबू दूर करने में मदद करता है। सिट्रोनेलोल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे यह मुंह के अल्सर और कई बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है।
इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार: दि साइंटिफिक वर्ल्ड जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, इसमें पाये जाने वाले विटामिन्स और पोषक तत्वों के कारण खाने के बाद थोड़ी-सी धना दाल का सेवन आपके इम्युनिटी को बढ़ाने में बहुत मदद करती है। धनिये के बीजों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल क्षमताओं के कारण यह आपके शरीर को कई तरह के संक्रमण से बचाती है।
अच्छी नींद में मदद : धनिये के बीजों में सेडटिव(sedative) क्षमतायें भी होती है। ईरान स्थित शिराज़ यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंस के डिपार्टमेंट ऑफ़ फार्माकोलॉजी द्वारा कराए एक अध्ययन के अनुसार, धनिये में उपस्थित एसेंशियल ऑयल शरीर पर सेडटिव-हिप्नोटिक प्रभाव डालते हैं जिससे हमारी नसों को आराम मिलता है और हमें अच्छी नींद आती है।
धना दाल को कितना खायें?
डॉ. देबंजन भट्टाचार्य के अनुसार, खाना खाने के बाद सिर्फ एक चम्मच धना दाल का सेवन इसके सारे फायदों को हासिल करने के लिये पर्याप्त है। अगर आपको धनिये से एलर्जी है तो इस दाल का सेवन न करें।
चित्र स्रोत: Shutterstock
सन्दर्भ:
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