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हिंदू समुदाय में भगवान और बड़ों के आगे श्रद्धा व्यक्त करने के लिए प्रणाम किया जाता है। आपने देखा होगा कि किसी को प्रणाम करते समय सामने वाला व्यक्ति आगे की तरफ झुककर पैर को छूता है। साष्टांग नमस्कार भी नमस्कार का ही एक रूप है जिसमें पूरे शरीर को जमीन से टच किया जाता है। यह एक ऐसी पोजीशन होती है जिसमें आपके शरीर के आठ अंग जमीन को टच करते हैं। क्या आप जानते हैं साष्टांग नमस्कार करने से आपके शरीर को कई तरह से लाभ मिलता हैं? चलिए जानते हैं इससे आपके शरीर को क्या-क्या लाभ होते हैं। साष्टांग नमस्कार के फायदेआयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर निताशा मणिकांत के अनुसार, साष्टांग नमस्कार से स्पाइन की फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार होता है और लेग्स व आर्म्स की मसल्स को मजबूती मिलती है। इससे लेग्स और शोल्डर्स की फ्लेक्सिबिलिटी में भी सुधार होता है। इतना ही नहीं इस मुद्रा से आपका अहंकार भी खत्म होता है और आप खुद को जमीन से जुड़ा महसूस करते हैं।
ऐसे करें साष्टांग नमस्कार
इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे केवल पुरुष ही कर सकते हैं। क्योंकि महिलाओं को प्रेयर पोजीशन के लिए मना किया जाता है। इसका कारण यह है कि इस पोजीशन में उनके ब्रेस्ट जमीन से टच होते हैं। जाहिर है महिलाएं ब्रेस्ट से बच्चे को फीडिंग कराती हैं। इसलिए उन्हें ब्रेस्ट को जमीन से टच करने से बचना चाहिए। इसके बजाय महिलाएं पंचांग नमस्कार कर सकती हैं। इसमें उन्हें अपनी हथेलियों के साथ-साथ घुटनों को भी जमीन से टच करना पड़ता है।
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अनुवादक – Usman Khan
चित्र स्रोत - Shutterstock