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मेरु पृष्ठासन या स्पाइन एंड बैक पोज़ (spine and back pose) में आपकी रीढ़ की हड्डी पर ध्यान केंद्रित करते हुए आपके शरीर के ऊपरी हिस्से को घुमाना पड़ता है। इस आसन में आपको शरीर के अंदरूनी हिस्सों के संतुलन के साथ आपको गहरी सांसें लेने में मदद करता है। यह एक आरामदायक योगासन है जिसमें आपको शारीरिक और मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। यह आपकी अकड़ी हुई पीठ को आराम देता है और दिनभर की थकान के बावजूद भी आप इसकी प्रैक्टिस कर सकते हैं। योग एक्सपर्ट महुआ देब (डिफेंस वेलफेयर एसोसिएशन, विशाखापट्टनम अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने डाली रोशनी मेरु पृष्ठासन के अभ्यास के सही तरीके और इसके अभ्यास से आपको होनेवाले फायदों पर।
मेरु पृष्ठासन के अभ्यास का सही तरीका
1. पीठ सीधी करके खड़े हो जाइए। पैरों को आरामदायक स्थिति में रखें। अब सांस खींचते हुए अपने दोनों हाथ बगल से उठाएं और अपनी उंगलियों के पोरों को कंधों पर रखें। आप ताड़ासन के साथ भी इस आसन की शुरुआत कर सकते हैं। ध्यान रखें कि आपके पैर ज़मीन पर सही तरीके से और मज़बूती से रखे हुए हों।
2. सांस छोड़ते हुए, अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को बाहिनी ओर घुमाएं अपनी पीठ सीधी रखते हुए झुकें। कमर के बल घुमते हुए पैर और पेल्विस को सीधा रखें।
3. सांस खींचते हुए अपने शरीर को ऊपर की तरफ ले जाएं। सांस छोड़ें और शुरुआत की स्थिति में आ जाएं।
4. अब दूसरी तरफ से इस तरह अभ्यास करें।
5. रोज़ाना 3 बार इस आसन का अभ्यास शरीर के दोनों तरफ से करें।
6. बेहतर परिणाम के लिए योगासन के अभ्यास के दौरान सांसों की गति और संयोजन पर ध्यान दें।
मेरु पृष्ठासन के अभ्यास के फायदे
• पीठ को लचीला बनाता है और शरीर के बहुत अंदर की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
• पाचनतंत्र और रक्त के बहाव की प्रक्रियाओं को उत्तेजित करता है।
• लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद।
• पूरे शरीर को सक्रिय बनाता है।
• पाचनतंत्र से जुड़ी परेशानियों से राहत दिलाता है।
• रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ाता है।
अगर आप साइटिका (sciatica), स्लिप डिस्क (slipped disc) या पीठ में किसी और प्रकार की परेशानी से पीड़ित है तो इस आसन का अभ्यास न करें।
Read this in English.
अनुवादक-Sadhna Tiwari
चित्रस्रोत- Mahua Deb.