Martial art kalaripayattu Benefits: बॉलीवुड के एक्शन स्टार विद्युत जामवाल (Actor vidyut jamwal) का कहना है कि वह भारतीय सिनेमा के माध्यम से स्वदेशी मार्शल आर्ट कलरीपायट्टू (Martial art kalaripayattu) को लोकप्रिय बनाना चाहते हैं। विद्युत एक प्रशिक्षित मार्शल आर्टिस्ट हैं और उन्होंने तीन साल की उम्र से कलरीपायट्टू (kalaripayattu) सीखा है।
विद्युत ने एक इंटरव्यू में कहा, "मेरे पास फिलहाल अभी तक इसे लेकर कोई आइडिया नहीं है कि इसे कैसे प्रस्तुत किया जाना चाहिए, लेकिन भारतीय सिनेमा के प्रति मेरा नजरिया यह है कि लोगों को मार्शल आर्ट के बारे में कलरीपायट्टू (kalaripayattu in hindi) के बारे में बात करनी चाहिए। यह एक मूल भारतीय मार्शल आर्ट है। 'कमांडो' फ्रेंचाइजी फिल्मों से प्रसिद्धि पाने वाले विद्युत ने महसूस किया है कि आज विश्व स्तर पर जो कई लोकप्रिय चीजें हैं, वास्तव में वह भारत में उत्पन्न हुई हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं बस इतना चाहता हूं कि हर कोई इस मार्शल आर्ट फॉर्म के प्रति जागरूक रहे। लोगों को पता होना चाहिए कि मार्शल आर्ट एक भारतीय कौशल है और यही मेरा नजरिया है।" आखिर क्या है स्वदेशी मार्शल आर्ट कलरीपायट्टू की खासियत और फायदे (kalaripayattu benefits in hindi), जिसके बारे में एक्टर विद्युत जामवाल इतनी बातें कर रहे हैं। इसे लोकप्रिय बनाना चाहते हैं, आइए जानते हैं...
कलरीपायट्टू केरल का एक प्रसिद्ध मार्शल आर्ट है, जो बहुत ही पुराना है। भारतीय परंपरा और मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण इस विद्या के असली जनक थे। इसी अद्भुत विद्या के जरिए भगवान श्रीकृष्ण ने मुष्टिक, चाणूर जैसे मल्लों और कालिया नाग का वध किया था। इसका प्रशिक्षण केरल में होता है। यह दुनिया की सबसे पुरानी और लोकप्रिय कला है। कहा जाता है कि कूंग फू का विकास भी इसी कला के जरिए हुए था। यह केरल के मध्य, उत्तर भाग, कर्नाटक एवं तमिलनाडु के नजदीकी भागों में अधिक प्रचलित है। कलरीपायट्टू (kalaripayattu Health benefits in hindi) में कलरी का अर्थ “युद्धस्थल” और पायट्टू का मतलब “पारंगत या प्रशिक्षित होना” होता है। इनको आपस में जोड़ने पर इनका अर्थ बनता है “युद्धस्थल के लिए प्रशिक्षित होना”।
1 कलरीपायट्टू करने से शरीर लचीला होता है। यह मार्शल आर्ट फॉर्म आसान नहीं है, लेकिन जो एक बार सीख लेता है, वह लंबी उम्र तक शारीरिक रूप से सेहतमंद रह सकता है। इसे सीखने के दौरान आप कई तरह के फ्लेक्सिलब मूव्स करना सीखता है, जिससे शरीर में गजब का लचीलापन आता है।
2 कलरीपायट्टू करने से शरीर को मजबूती मिलती है। शरीर गठीला, सुडौल और आकर्षक बनता है। आपके शरीर की ताकत और बढ़ती है। स्वस्थ और मजबूत रहने के लिए अंदरूनी रूप से फिट और हेल्दी (kalaripayattu ke fayde in hindi) रहना जरूरी है।
3 मार्शल आर्ट आपको फुर्तीला बनाता है, क्योंकि इसमें बहुत तेज और फुर्तीले मूव्स करने होते हैं। इसमें आक्रामक तरीके से सामने वाले पर अटैक करते हुए खुद को बचाना होता है। सामने वाले के प्रहार से आप खुद को बचा सकें, इसके लिए फुर्तीला बनना इस आर्ट फॉर्म की पहली शर्त है। जब आप फुर्तीले होंगे, तो निश्चित रूप से आपके अंदर से आलस दूर होगा।
4 कलरीपायट्टू में प्रशिक्षित होने से बुद्धि कौशल में भी सुधार होता है। इसे करते समय खुद को बचाने के तरीके, नए मूव्स करने पड़ते हैं, जो सिर्फ बुद्धि तत्परता से प्राप्त हो सकती है। इस मार्शल आर्ट के जरिए बुद्धि तत्परता में इजाफा होता है।
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