• हिंदी

सेक्स के बाद वेजाइना से ब्लीडिंग होने के कारण, लक्षण और रिस्क फैक्टर्स

सेक्स के बाद वेजाइना से ब्लीडिंग होने के कारण, लक्षण और रिस्क फैक्टर्स
सेक्स के बाद वेजाइना से ब्लीडिंग होने के कारण, लक्षण और रिस्क फैक्टर्स।© Shutterstock.

सेक्सुअल इंटरकोर्स के बाद कुछ महिलाओं में ब्लीडिंग की समस्या होती है। इसे 'जेनाइटल ब्लीडिंग' और पोस्टकोइटल ब्लीडिंग भी कहा जाता है। कई बार यह काफी दर्द भरा भी हो सकता है। जानें, आखिर किन कारणों से सेक्स के बाद महिलाओं में ब्लीडिंग होती है और इसका निदान, इलाज क्या है?

Written by Anshumala |Updated : August 19, 2020 7:55 AM IST

Bleeding after Sex in Hindi: सेक्सुअल इंटरकोर्स या सेक्स (Sex) के बाद कुछ महिलाओं में ब्लीडिंग की समस्या होती है। इसे 'जेनाइटल ब्लीडिंग' (Genital Bleeding) भी कहते हैं। साथ ही इसे पोस्टकोइटल ब्लीडिंग (Postcoital bleeding) भी कहा जाता है। इसमें संभोग (sexual intercourse) करने के बाद वेजाइना से खून तो आता है, लेकिन कई बार इसमें दर्द होता है, तो कई बार दर्द नहीं भी होता है। कुछ महिलाओं में सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने की समस्या (Bleeding after Sex in Hindi) बहुत ही हल्की होती है, लेकिन किसी-किसी में खून अधिक निकलता है। ऐसी स्थिति गंभीर हो सकती है। इंटरकोर्स करने के बाद कई कारणों से ब्लीडिंग होती है। एक शोध में यह बात सामने आई है कि लगभग 0.7 से 9 प्रतिशत मामले वयस्क महिलाओं में ऐसे होते हैं, जिनमें संभोग (Sex) के बाद ब्लीडिंग होती है। यह ब्लीडिंग सर्विक्स से अधिक होती है। जानें, आखिर किन कारणों से सेक्स करने के बाद महिलाओं में ब्लीडिंग होती है और इसका निदान, इलाज क्या है?

सेक्स के बाद वेजाइनल ब्लीडिंग के कारण (causes of vaginal bleeding after sex in hindi)

वेजाइना का ड्राई होना

कई बार सेक्स करते हुए वेजाइना काफी ड्राई (Vaginal Dryness) होती है। सेक्स के बाद ब्लीडिंग की समस्या होने के पीछे वेजाइनल ड्राइनेस भी हो सकती है। पोस्टकोइटल ब्लीडिंग का इसे मुख्य कारण माना गया है। दरअसल, प्राइवेट पार्ट की त्वचा बहुत नाजुक और सॉफ्ट होती है। त्वचा जब ड्राई होती है, तो क्षतिग्रस्त होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इससे वेजाइना के अंदर टिशू का निर्माण करने वाले म्यूकस में चोट लगती है, जिससे खून निकलने लगता है।

वेजाइना के ड्राई होने की मुख्य वजह

सेक्स की इच्छा ना होने, कामोत्तेजना (Sexual arousal) की कमी के दौरान इंटरकोर्स करने से वेजाइना ड्राई रहती है। जब आप उत्तेजित होते हैं, तो वेजाइनल की टिशू से प्राकृतिक लुब्रिकेंट्स का स्राव होता है। इससे वेजाइनल टिशू ड्राई नहीं रहती और सेक्सुअल इंटरकोर्स करने के समय फ्रिक्शन होने के कारण वेजाइना की त्वचा क्षतिग्रस्त नहीं होती है।

Also Read

More News

स्तनपान कराने से भी होती है ड्राईनेस

प्रेग्नेंसी में एस्ट्रोजन लेवल काफी बढ़ जाता है। जब एक बच्चे का जन्म होता है, तो एस्ट्रोजन लेवल काफी कम हो जाता है। इसके बाद एस्ट्रोजन हार्मोन ब्रेस्ट मिल्क का निर्माण करते हैं। कुछ दवाओं के सेवन से भी वेजाइना ड्राई रहती है। एंटी एस्ट्रोजन दवा खाने से भी वेजाइनल ड्राईनेस की समस्या शुरू हो सकती है। कई अन्य दवाएं जैसे स्टेरॉयड्स, सेडेटिव, एंटीडिप्रेसेंट्स, कोल्ड-फ्लू की दवा आदि के सेवन से भी यह समस्या हो सकती है।

सेंटेड लुब्रिकेंट्स और कंडोम का अधिक इस्तेमाल

हॉट टब में स्नान करना, सेंटेड लुब्रिकेंट्स, कंडोम का अधिक इस्तेमाल वेजाइनल ड्राइनेस को बढ़ा देते हैं। इससे वेजाइना की त्वचा क्षतिग्रस्त होती है और सेक्स के बाद ब्लीडिंग (Bleeding after Sex in Hindi) होने लगती है।

इंजरी भी है एक वजह

सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान फ्रिक्शन के कारण वेजाइनल टिशू में कई बार खरोंच या कटने का डर रहता है। जब एक बच्चे का जन्म होता है, तो भी ये नाजुक टिशू फैलती है। कई बार अधिक सेक्स करने से वजाइनल स्किन का एक हिस्सा हाइमेन (hymen) भी स्ट्रेच होता है, जिससे यह टूटता है और ब्लीडिंग (Bleeding after Sex in women in Hindi) हो सकती है।

संक्रमण की समस्या भी वेजाइनल ब्लीडिंग को बढ़ाती है

वेजाइन के आसपास या अंदरूनी भाग में आपको कोई संक्रमण हुआ है, तो भी सेक्स करते समय ब्लीडिंग हो सकती है। इस दौरान आपको दर्द भी हो सकता है। वेजाइनल टिशू में सूजन होने से भी ब्लीडिंग की समस्या होती है। यीस्ट इंफेक्शन, सर्विसाइटिस (cervicitis), पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, वेजिनिटिस (vaginitis), सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (sexually transmitted infection) जैसे क्लैमाइडिया (Chlamydia), गोनोरिया (Gonorrhoea) होने पर भी ब्लीडिंग की समस्या होती है। ये सभी सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन होते हैं, जिनमें कई बार कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं।

सर्विकल डिसप्लेसिया

कई बार सर्विक्स या एन्डोसर्विकल केनल (endocervical canal) की लाइनिंग (वेजाइना और यूटरस की ओपनिंग) में असामान्य रूप से कैंसर की कोशिकाएं विकसित होने लगती हैं, उसे सर्विकल डिसप्लेसिया (Cervical dysplasia) कहते हैं। यह एक प्रीकैंसरस (precancerous) अवस्था होती है। यह गंभीर समस्या होने पर वेजाइन में खुजली, प्राइवेट पार्ट की ऊत्तकों को नुकसान आदि पहुंच सकता है। ऐसे में सेक्सुअल इंटरकोर्स करने से ब्लीडिंग होने की संभावना बढ़ जाती है। इस दौरान आपको दर्द भी महसूस हो सकता है।

सर्विक्स और यूटेराइन कैंसर भी है जिम्मेदार

कई बार यूटरस कैंसर, सर्विक्स और यूटेराइन कैंसर के कारण भी ब्लीडिंग होती है। कई बार कैंसर के होने का जल्दी पता नहीं चलता है, ऐसे में आपको बार-बार पोस्टकोइटल ब्लीडिंग हो, तो सतर्क हो जाएं। डॉक्टर से एक बार संपर्क जरूर कर लें।

सेक्स के बाद ब्लीडिंग होने के रिस्क फैक्टर्स

अधिक उत्तेजित होकर इंटरकोर्स करना

सेक्स के दौरान वेजाइना का अधिक ड्राई होना

सेक्स करते समय कंडोम ना यूज करना

उच्च रक्तचाप

वेजाइना में कोई संक्रमण होना

डायबिटीज

वेजाइनल ड्राइनेस, सूजन की समस्या होने की फैमिली हिस्ट्री

डिहाइड्रेशन की समस्या

खास तरह की दवाओं का सेवन

कब जाएं डॉक्टर के पास

ब्लीडिंग लगातार हो चाहे कम या ज्यादा

जब बार-बार आपको सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान जलन हो

पेशाब करने में जलन हो

पेट के निचले हिस्से में दर्द होना

कमर दर्द होना

वेजाइना में बर्निंग सेंसेशन

थकान और कमजोरी महसूस करना

सिर दर्द होना

सेक्स करने के बाद होती है ब्लीडिंग, जानें क्यों होता है ऐसा और कितना सही है यह ?

क्या पहली बार सेक्स करने में लड़कों को भी होती है ब्लीडिंग ?