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एन्डोमेट्रीओसिस(endometriosis) कामकाजी महिलाओं में होने वाली एक समस्या है। खासतौर पर वे महिलायें जिनका किसी भी चीज का शेड्यूल फिक्स नहीं होता है और वे दिन भर तनाव ग्रसित रहती हैं वे इस समस्या की शिकार ज्यादा होती हैं। कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि एन्डोमेट्रीओसिस से पीड़ित महिलाओं की प्रेगनेंसी में काफी मुश्किलें आती हैं। अगर आप एन्डोमेट्रीओसिस से पीड़ित हैं और गर्भवती होने के बारे में प्लान कर रही हैं तो इस आर्टिकल में आपके लिए बहुत सारी जानकारियां हैं।
एन्डोमेट्रीओसिस प्रेगनेंसी को कैसे प्रभावित करती है : थाणे स्थित कोकून फर्टिलिटी की सीओ फाउंडर और गायनकोलॉजिस्ट डॉ. अनाघा कर्खेनिस बताती हैं कि एन्डोमेट्रीओसिस गर्भाशय से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। इसमें एंडोमेट्रियम गर्भाशय के बाहर हो जाता है जो कि आमतौर पर गर्भाशय के अंदर होना चाहिये। ऐसे में जैसे जैसे भ्रूण बढ़ता जाता है वैसे ही घाव भी बढ़ता है और दर्द होने लगता है।
अगर आप एन्डोमेट्रीओसिस से पीड़ित हैं तो यह जान लें कि जो एंडोमेट्रिकल कोशिकाएं जिन्हें सिर्फ गर्भाशय में होनी चाहिये वे आस पास के बाकी अंगों में भी पहुंच जाती हैं। ऐसे में इससे पीड़ित महिलायें को जब पीरियड आता है तो सामान्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा दर्द और ज्यादा ब्लीडिंग होती है। अगर ये कोशिकाएं ओवरीज में हैं तो ये अंडो को विकसित होने से रोक सकती हैं क्योंकि घाव की वजह से ब्लड ओवरीज में ही फंस जाता है। कुछ मामलों में ये कोशिकाएं फैलोपियन ट्यूब को भी ब्लाक कर सकती हैं जिससे मुश्किलें काफी बढ़ जाती है। इस रुकावट से स्पर्म का अण्डों से मिलन भी प्रभावित हो सकता है जिससे गर्भवती होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
क्या इससे पीड़ित महिलायें गर्भवती हो सकती हैं? : जी हाँ एन्डोमेट्रीओसिस से पीड़ित महिलायें भी गर्भवती हो सकती हैं। बस इसके लिए सबसे पहले आप एन्डोमेट्रीओसिस का इलाज करवाएं और फिर उसके बाद प्रेगनेंसी की प्लानिंग करें। लेप्रोस्कोपिक पद्धति की मदद से एन्डोमेट्रीओसिस का इलाज पूरी तरह संभव है और इसके अलावा भी कई अन्य तरीके हैं।
डॉक्टर आपकी जांच करने के बाद ही यह बता देते हैं कि आप कौन सा ट्रीटमेंट अपनाएं। जो महिलायें माइल्ड एन्डोमेट्रीओसिस से पीड़ित होती हैं उन्हें प्रेगनेंसी के लिए आईयूआई के साथ फर्टिलिटी दवाइयों की सलाह दी जाती है। वहीँ जिनमें यह समस्या काफी ज्यादा गंभीर होती है उन्हें आईवीएफ की सलाह दी जाती है। इसलिए ज्यादा ध्यान पहले इसके इलाज पर दें उसके बाद ही प्रेगनेंसी प्लान करें।
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अनुवादक: Anoop Singh
चित्रस्रोत: Shutterstock