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जायरा वसीम का संन्यास लेना सोशल मीडिया से लेकर खबरों तक में सुर्खियां बना हुआ है. सोशल मीडिया में जायरा वसीम को लेकर एक नई तरह की बहस हो रही है. कोई गलत बता रहा है तो कोई व्यक्तिगत फैसला बता रहा है. आज इस मामले दो मोड़ आये हैं सुबह जायरा के मैनेजर ने कहा जायरा वसीम का सोशल मीडिया एकाउंट किसी दूसरे द्वारा चलाया जा रहा है. उसके कुछ देर बाद ही जायरा वसीम ने उसका खंडन कर दिया.
This to clarify that none of my social media accounts were or are hacked and are being handled by me personally. Kindly refrain from believing or sharing claims that state otherwise! Thanks.
— Zaira Wasim (@ZairaWasimmm) July 1, 2019
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जायरा वसीम अपनी सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से चर्चा में हैं. इसके पहले वो सबसे ज्यादा चर्चा में तब आयीं थीं जब वो खुद को डिप्रेशन का शिकार बताया था.
डिप्रेशन के बारे में उन्होंने उस समय भी लंबी पोस्ट लिखी थी. उन्होंने लिखा था कि वो एंक्जाइटी और डिप्रेशन की शिकार हो चुकी हैं.
जायरा ने अपनी लंबी पोस्ट में लिखा था कि "मैं बहुत सालों बाद यह पोस्ट लिख रही हूं और यह बताना चाहती हूं कि बहुत समय से डिप्रेशन की शिकार थी. यह 4 साल पहले की बात है मगर इस बात के बारे में मैं इसलिए नहीं बता रही थी क्योंकि डिप्रेशन को लेकर लोगों में कई तरह की सोच है. क्योंकि डिप्रेशन वर्ल्ड जुड़ा है." जायरा ने इस पोस्ट में भी अल्लाह का उल्लेख किया था.
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जायरा वसीम ने डिप्रेशन वाली पोस्ट के अंत में लिखा था कि वो कुछ समय के लिए अवकाश लेना चाहती हैं. उन्होंने सोशल मीडिया से उनकी स्कूल लाइफ पर असर हो रहा है इस बात का भी उल्लेख किया था.
जायरा ने उस पोस्ट में भी रमजान के इंतजार की बात लिखी थी. उसमें लिखा था कि यही वो समय होता है जब वो अपने भगवान को याद कर सकती हैं. जायरा वसीम ने यह पोस्ट 11 मई 2018 को लिखी थी.
यह सवाल भी उठ सकता है कि क्या जायरा वसीम अभी भी डिप्रेशन का शिकार हैं. क्योंकि उनकी सोशल लाइफ में कुछ तो गड़बड़ है जो बार-बार उनके द्वारा ऐसे बयान आते हैं.
फिल्म जगत के लोग जायरा के फैसले को गलत बता रहे हैं. तो कुछ लोग उनका व्यक्तिगत मसला बता रहे हैं. लेकिन जायरा अगर डिप्रेशन में अभी भी हैं तो उनको इसके बारे में लोगों को फिर से बताना चाहिए.
मनोवैज्ञानिक बीमारी होने के नाते डिप्रेशन कभी भी जड़ से ठीक नहीं होता है.
अवसाद या डिप्रेशन जिंदगी में कई बार वापस आ जाता है.
कुछ लोगों को लगता है कि वो 4 साल पहले इसका शिकार थे लेकिन अब नहीं हैं.
लेकिन आंकड़ों की बात करें तो डिप्रेशन की बीमारी में इंसान को जरूरी सहयोग की जरूरत होती है.
डिप्रेशन के शिकार इंसान की हरकते आपको चौंकाने वाली होती है.
अवसाद में रहने वाला इंसान बाहर से स्वस्थ्य व हेल्दी हो सकता है. लेकिन वह मानसिक रूप से कमजोर होता जाता है.
कई बार वो किसी एक चीज पर अटक जाता है और उससे बाहर नहीं निकल पाता है.
अवसाद या डिप्रेशन के शिकार इंसान कई बार आत्महत्या का नाटक करते हुए अपनी जान भी गवां देते हैं.
डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण, कारण और उपचार, मेजर डिप्रेशन से बाहर कैसे निकलें ?