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आंखों की रोशनी कम कर सकती हैं आपकी ये आदतें

धूम्रपान ड्राई और विभिन्न तरह की विजन से संबंधित बीमारियों से जुड़ा हुआ है, जिसमें मैकुलर डिजनरेशन, मोतियाबिंद, यूवाइटिस और डायबिटिक रेटिनोपैथी शामिल हैं।

By: Yogita Yadav   | | Updated: December 9, 2018 1:08 pm
Tags: Eye care  Eye health  hazards of less sleep  Hazards of smoking  Pollution hazards  Rubbing eyes  
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जेनेटिक, आयु, और पर्यावरण सहित कई ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से आंखों की रोशनी कम होने लगती है। पर क्‍या आप जानते हैं कि आपकी डिजिटल दुनिया भी आपकी आंखों की दुश्‍मन हो सकती है। युवाओं में बढ़ती कमजोर रोशनी की वजह उनके लैपटॉप और स्‍मार्टफोन की रोशनी है। आज की डिजिटल दुनिया में आंखों की कमजोरी की समस्या ज्यादा देखी जा रही है जो हमारे विजन को प्रभावित करती है। इसके अलावा और बहुत सी छोटी-छोटी आदतें हैं जो नजर कमजोर कर रहीं हैं। आइए जानते हैं वे कारण जो कमजोर कर रहे हैं आपकी आंखों की रोशनी। Also Read - उम्र के साथ कमज़ोर होने लगती हैं आंखे, डायट में शामिल करें ये 8 हेल्दी फूड्स और आंखों को रखें स्वस्थ

इन कारणों से कमजोर हो हरीं हैं आंखें

प्रदूषण 

ये दुनिया कितनी तेज गति से बदल रही है। जहां सड़को पर गाडियां दौड़ रही है तो वहीं हवा में हवाई जहाज उड़ रहे हैं। एक तरफ जहां हम उत्पादन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ हर जगह हम कूड़ा भी इकट्ठा कर रहे है। ये सभी हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है और पर्यावरण के नुकसान से हमारी हेल्थ भी खराब होती है। खासकर हमारी आंखों पर इसका साफ तौर पर असर दिखाई दे रहा है। हमारी आंखें बेहद ही संवेदनशील होती हैं। प्रदूषक, विषाक्त पदार्थ, और मौसम जैसी चीजें हमारी आंखों को प्रभावित करती हैं।

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आंख का रगड़ना

क्या आप अपनी आंखों को बहुत ज्यादा रगड़ते हैं, तो संभल जाइए। इससे आपकी आंखें कमजोर और रोशनी कम हो सकती है। इससे आपको एलर्जी कंजक्टिवाइटिस और आंखों के संक्रमण के जोखिम के अलावा आपको केराटोकोनस भी हो सकता है।

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धूम्रपान करना

नजर कमजोर होने के कारणों में एक कारण यह है कि आप ज्यादा से ज्यादा धूम्रपान करते हैं। धूम्रपान की लत आपको अंधा भी बना सकती है। धूम्रपान करने से इसका असर आंखों पर और शरीर के अन्य कई अंगों पर भी पड़ता है। धूम्रपान ड्राई और विभिन्न तरह की विजन से संबंधित बीमारियों से जुड़ा हुआ है, जिसमें मैकुलर डिजनरेशन, मोतियाबिंद, यूवाइटिस और डायबिटिक रेटिनोपैथी शामिल हैं। जो लोग धूम्रपान नहीं करते हैं उनकी तुलना में धूम्रपान करने वालों की अंधे होने की संभावना चार गुना अधिक हो जाती है।

कम पानी पीना

आंखों की रोशनी कम होने के कारण में एक कारण यह है कि आप पानी का जितना जरूरी है उतना सेवन नहीं कर रहे हैं। निर्जलीकरण या डिहाइड्रेशन की वजह से आपकी आंखों में पर्याप्त आंसू पैदा नहीं हो पाते हैं, जो पोषण और नमी के लिए आवश्यक हैं। डिहाइड्रेशन भी आपकी आंखों को शुष्क, लाल और पफ्फी बनने का कारण बनता है।

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पौष्टिक खाद्य पदार्थ का सेवन न करना

हरी पत्तेदार सब्जियों में ल्यूटिन और ज़ीएक्सैंथिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो मैकुलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद के जोखिम को कम करते हैं। बीटा कैरोटिन, विटामिन सी, और विटामिन ई से भरपूर पीले और नारंगी रंग के फल और सब्जियां आपकी स्वस्थ दृष्टि या आंख के लिए आवश्यक हैं। आंखों के लिए अन्य आहार में आप अंडा, नट्स, फैटी फिश, और अन्य समुद्री आहार ले सकते हैं। इन आहारों को लेने से धुंधलेपन, आंखों में जलन और रैशेज जैसी समस्याएं भी दूर होती है।

भरपूर नींद न लेना

नींद की कमी से आंखों पर तनाव और थकान जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। इसके लिए आप रोजाना 6-8 घंटे की पर्याप्त नींद लीजिए। एक्सपर्ट के मुताबिक अगर आपकी आंख भी रात में सोते समय बेमतलब ही कई बार खुलती है तो आप कटस्ट्रोफिसिंग या नाइट ड्रेड नामक बीमारी के शि‍कार हो सकते हैं।

लैपटॉप या स्मार्टफ़ोन  की स्क्रीन

अपने लैपटॉप या स्मार्टफ़ोन के सामने बहुत अधिक समय बिताना भी आंखों की रोशनी को कम कर सकता है। आपको बता दें कि आंखों की लुब्रिकेशन और सफाई के लिए आंखों का झपकना बहुत ही जरूरी होता है। लैपटॉप या स्मार्टफ़ोन के स्क्रीन के ज्यादा उपयोग से आंख के झपकने की क्षमता बहुत ही कम हो जाती है।

इस अलावा ब्लिंकिंग या आंख झपकना रेटिना को उत्तेजित करता है और आपके दिमाग को आराम देता है। स्क्रीन-आधारित उपकरणों का ज्यादा उपयोग सिरदर्द, जलती हुई आंखें, धुंधली दृष्टि, और नींद में परेशानी जैसे कई समस्याओं को जन्म देता है

Published : December 9, 2018 12:42 pm | Updated:December 9, 2018 1:08 pm
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