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सुखासन एक योग मुद्रा है। इसे करना काफी काफी आसान होता है। इसके अभ्यास से शरीर को कई लाभ होते हैं। इसका अभ्यास मेडिटेशन और सांस से जुड़े व्यायाम जैसे “प्राणायाम” करते वक्त किया जाता है। सुखासन शब्द सुख और आसन से मिलकर बना है। इसमें ‘सुख’ का मतलब ‘सहज’ और ‘आनंद’ है जबकि ‘आसन’ का मतलब है ‘मुद्रा’। इस आसन को करने से पोस्चर में सुधार होता है। कमर को आराम मिलता है। जो लोग दिन भर ऑफिस में बैठकर काम करते हैं, उनके लिए यह आसन काफी फायदेमंद है। आसान से ये आसन, बढ़ाएंगे यौन शक्ति चुटकियों में
कैसे करें
सबसे पहले जमीन पर चटाई बिछाकर सीधे बैठ जाएं। पैरों को अपने सामने फैलाएं। अब पैरों को घुटने से मोड़ लें और घुटनों को बाहर की तरफ रखें। अपने हर पैर को दूसरे पैर के घुटने के नीचे रखें। हाथों को घुटनों पर रखें और हथेलियों को नीचे की तरफ रखें। कमर, सिर और गर्दन को सीधा रखें। नजरें सामने की तरफ रखें। इस स्थिति में एक मिनट के लिए रहें। अब अपने पैरों की स्थिति बदल लें। नियमित करेंगे ये 5 आसन, तो डायबिटीज रहेगा कंट्रोल में
सुखासन के लाभ
- सुखासन का अभ्यास करने से आपको अपनी रीढ़ को स्ट्रेच करने में मदद मिलती है। यह रीढ़ को लंबा करने में मदद करता है।
- यह आसन आपके कॉलर बोन और छाती को चौड़ा करता है।
- टखनों को खोलने में मदद करता है। आसन और प्राणायाम के साथ इन खास योग ट्रेंड को भी करें ट्राई, शरीर बनेगा मजबूत, दिमाग रहेगा चुस्त
- कमर की मांसपेशियों को मजबूत करता है और आपके शरीर की मुद्रा (पोस्चर) को सुधारता है।
- शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाने में मदद करता है।
- टखनों, घुटनों और कूल्हों के जोड़ों का लचीलापन बढ़ाता है।
- थकान दूर होती है। काम के बाद आप सुखासन का अभ्यास कर सकते हैं।
- कमर और गर्दन को स्ट्रेच करने में मदद करता है। कमर दर्द से छुटकारा दिलाता है।
- घुटनों, पिंडली की मांसपेशियों और जांघों को मसाज करने में मदद करता है।