मां-पिता के तौर पर एक बच्चे को संभालना और उसकी देखभाल करना एक बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। और सोचिए उस माता-पिता के लिए ज़िंदगी कितनी मुश्किल होगी जो अपनी आंखों के सामने अपने बच्चे को तकलीफ से गुज़रते देखते हैं। थैलेसीमिया (Thalassemia) एक ऐसी ही बीमारी है जिसके मरीज़ को देखना पीड़ादायक हो सकता है। डॉ. निरंजन राठौड़ (असोसिएट डायरेक्टर और हेड ऑफ डिपार्टमेंट हेमेटो-ऑन्कोलॉजी बोन मैरो ट्रांसप्लांट नानावटी सुपर स्पेशैलिटी हॉस्पिटल) का कहना है कि थैलेसीमिया के मरीज़ बच्चे के माता-पिता की काउंसलिंग बहुत ज़रूरी है और यह भी महत्वपूर्ण है कि गर्भधारण से पहले पति-पत्नी दोनों को थैलेसीमिया