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जब भी आपके सीने में या पेट में दर्द होता है तो आप तुरंत डॉक्टर के पास चले जाते हैं, लेकिन आंखों के साथ ऐसा नहीं हैं. अक्सर जब भी आंखों में कोई दिक्कत होती है तो उसे इग्नोर करते हैं और बाद में यह किसी बड़ी मुसीबत की वजह बन जाता है. ऐसे में आंखों का भी खास ध्यान रखना आवश्यक है. दरअसल, कई बार आंखों में कुछ दिक्कत ऐसी होती हैं, जिनके लक्षण सामान्य होते हैं, जैसे आंख में जलन या पानी गिरना आदि. जिसे अक्सर नजर अंदाज कर दिया जाता है, और बाद में पता चलता है कि आपकी आंख में समस्या बढ़ गई है. इसलिए कोशिश करें कि समय-समय पर किसी भी आंख के डॉक्टर्स से अपनी आंखों का चेकअप करवाएं और अपनी आंखों को स्वस्थ रखें.
लोगों को मानना होता है कि आंखों की परेशानी सिर्फ आंख से जुड़ी दिक्कत की वजह से होती है. लेकिन ऐसा नहीं है. अगर आप नियमित तौर से आंखों का चेकअप करवाते हैं तो आपको ना सिर्फ आंखों में होने वाली मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, मस्कुलर डिजनेरेशन का पता चलता है, बल्कि हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, लिवर की बीमारी, ब्रेन ट्यूमर के बारे में भी पता चलता है.
आप सोच रहे होंगे कि कोरोना से आंख का क्या लेना देना है. लेकिन, कोरोना के इस संकट में लोगों की निर्भरता इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर ज्यादा बढ़ गई है. घर पर रहने की वजह से लोगों के फोन पर टाइम बिताने का वक्त बढ़ गया है और बच्चों को भी फोन पर निर्भर होना पड़ रहा है. ऑनलाइन क्लास, वर्क फ्रॉम होम की स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का उपयोग बढ़ गया है, जिसका सबसे ज्यादा आंखों पर पड़ रहा है. इस स्थिति में जो लोग निरंतर गैजेट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनके लिए तो आंखों का खास ध्यान रखना जरूरी हो गया है. ऐसे में इस वक्त तो नियमित रूप से आंखों का चेकअप करवाना आवश्यक है. वैसे तो जो लोग 2 घंटे स्क्रीन के सामने टाइम बिताते हैं, उन्हें डिजिटल आई स्ट्रेन का खतरा होता है, लेकिन भारत में यह टाइम औसत 7 घंटे हो गया है. इस वजह से स्क्रीन से आंखों को ज्यादा खतरा है.
इन दिनों डिजिटल आई स्ट्रेन (Eye Strain) का खतरा भी बढ़ने लगा है. खास बात ये है कि डिजिटल आई स्ट्रेन के लक्षण आंखों के साथ अन्य हिस्सों पर भी आते हैं, जैसे- थकी हुई आंखे, सिर दर्द, गर्दन-कंधे में दर्द आदि. इसे हम थकान मानकर इग्नोर करते हैं, लेकिन बड़ी दिक्कत का कारण बन सकता है. जिन लोगों को थाइराइड की प्रॉब्लम होती है और जिन लोगों के आर्थराइटिस की दवाइयां चल रही होती है, उन्हें इसका ज्यादा खतरा होता है. इसलिए नियमित जांच से इसका पता चल जाता है और आपको करवाते रहना चाहिए.
यह कई रिपोर्ट में सामने आ चुका है कि लड़कियों को आंख संबंधी दिक्कत होने की संभावना ज्यादा रहती है. माना जाता है कि 40 साल की उम्र में महिलाओं को देखने संबधी दिक्कतें बढ़ने लग जाती है. साथ ही महिलाओं को पुरुषों की तुलना में मोतियाबिंद संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और उनके इलाज में भी कई तरह की मुश्किलें आती हैं. आंखों की देखभाल में होने वाले इस लिंगभेद को दूर करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि दुनिया के हर व्यक्ति को आईचेकअप नियमित रुप से हो. ऐसे में अगर आप महिला हैं तो आपको आंखों का खास ध्यान रखना चाहिए.
हर साल अक्टूबर के दूसरे गुरुवार को वर्ल्ड साईट डे मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य आंखों की सेहत के लिए लोगों को जागरुक करना है. इस बार वर्ल्ड साईट डे 14 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. ऐसे में वर्ल्ड साईट डे पर दिल्ली के शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स की सीनियर डॉक्टर्स की मदद से हमने आपको बताया कि आंखों से जुड़ी वो कौन सी बाते हैं, जिनका खास ध्यान रखा जाना चाहिए और ये बातें आपको आंखों में होने वाली बड़ी दिक्कत से बचा सकती हैं.
(Inputs By: Dr. Saumya Sharma, Senior Consultant, Sharp Sight Eye Hospitals)
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